कृषि कार्य के लिए किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार

June 29 2019

प्री मानसून बारिश के बाद किसानों को अब क्षेत्र में मानसून के पहुंचने का इंतजार है। मानसून के आगमन और अच्छी बारिश के बाद ही क्षेत्र में कृषि कार्य शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं। मानसून के नहीं पहुंचने के कारण कृषि कार्य शुरू नहीं हो सका है और किसानों को कृषि कार्य शुरू करने के लिए अच्छी बारिश का इंतजार है।

जून माह लगभग बीत गया है और क्षेत्र में मानसून ने अब तक दस्तक नहीं दी है। इसके चलते खेत अब भी सूने हैं। क्षेत्र के किसान मानसून के आने का इंतजार कर रहे किसानों ने खेती कार्य शुरू नहीं किया है। हालांकि क्षेत्र में प्री मानसून के चलते कुछ बारिश जरूर हुई है। कृषि कार्य शुरू करने के लिए किसान इसे पर्याप्त नहीं बता रहे हैं और उन्हें अच्छी बारिश का इंतजार है।

ग्राम मालगांव के कृषक जगदीश सोनी ने बताया कि प्री मानसून के चलते बारिश हुई है, लेकिन कांकेर में बहुत कम बारिश हुई है। जिले के अन्य क्षेत्रों में जरूर कुछ बारिश हुई है, जो कृषि कार्य शुरू करने के काफी नहीं है। ग्राम मर्दापोटी के कृषक अनिल कुंजाम ने बताया कि इस बार अच्छी बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन अब तक क्षेत्र में मानसून नहीं पहुंचा है। बारिश के अभाव में कृषि कार्य शुरू नहीं किया गया है। दो-तीन अच्छी बारिश के बाद ही कृषि कार्य शुरू हो सकेगा।

ग्राम गढपिछवाड़ी के कृषक मधु कुमार ने कहा कि किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार है। बारिश के बाद ही खेतों की जोताई और थरहा डालने के का कार्य किया जाएगा। कृषक मिलन यादव ने बताया कि प्री मानसून में इस बार बहुत ही कम बारिश हुई है। जमीन पूरी तरह से सूखी हुई है और सूखी भूमि पर हल नहीं चलाया जा सकता है। साथ ही धान का थरहा लगाने के लिए भी अधिक पानी की आवश्यकता होती है। अब तक मानसून पूरी तरह से आया नहीं है, ऐसी स्थिति में यदि धान का थरहा लगा दिया जाता है और बारिश रुक जाती है तो धान का थरहा पीला पड़ जाएगा और धान के पौधे खराब हो जाएंगे। कृषक त्रिभुवन यादव ने कहा कि उन्होंने खरीफ फसल के लिए पूरी तैयारी कर ली है। लेम्पस से बीज, खाद व दवाइयां ले आए हैं और अब बारिश का ही इंतजार है। बारिश होने के बाद ही कृषि कार्य में तेजी आ सकेगी और किसान खेतों में नजर आएंगे।

कहां हुई कितनी बारिश

बीते वर्ष के बारिश के आंकड़ो में नजर डालें तो जून माह में पिछले वर्ष भी कम बारिश हुई थी। दूसरी ओर मानसून बेहतर रहने के अनुमान के बाद भी इस

वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में कम बारिश हुई है। पिछले वर्ष 1 जून से 27 जून तक जिले में औसत वर्षा 89.1 मिमी हुई थी, वहीं इस वर्ष इस बीच औसत वर्षा 84.1 मिमी ही हुई है। तहसीलवार वर्षा के आंकड़ों को देखा जाए तो कांकेर में पिछले वर्ष 67 मिमी व इस वर्ष 135.2 मिमी, भानुप्रतापपुर में पिछले वर्ष 101.8 मिमी व इस वर्ष 89.4 मिमी, दुर्गूकोंदल में पिछले वर्ष 127 मिमी व इस वर्ष 45.5 मिमी, चारामा में पिछले वर्ष 28 मिली व इस वर्ष 92.3 मिमी, अंतागढ़ में पिछले वर्ष 22.8 मिमी व इस वर्ष 62.7 मिमी, पखांजूर में पिछले वर्ष 202.3 मिमी व इस वर्ष 35 मिमी, नरहरपुर में पिछले वर्ष 74.5 मिमी व इस वर्ष 128.4 मिमी वर्षा हुई थी। इस प्रकार पिछले वर्ष 27 जून तक जिले कुल 623.4 मिमी वर्षा हुई थी, जबकि इस वर्ष अब तक 588 मिमी वर्षा ही हुई है। साथ ही पिछले दस वर्षो की औसत वर्षा की तुलना में भी इस वर्ष की औसत वर्षा कम हुई है।

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स्रोत: नई दुनिया