कीटनाशकों के लिए रजिस्ट्रेशन में तेजी आएगी

May 08 2021

कृषि क्षेत्र को और सुचारू करने के लिए केंद्र सरकार ने ठोस कदम उठाते हुए विभिन्न नियम-कायदों का बोझ कम कर दिया है। इससे देशभर के किसानों सहित कृषि क्षेत्र के  लोगों को सुविधा होगी। इस संबंध में लिए गए निर्णयों की केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गत दिवस  समीक्षा की।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में बताया गया कि ईज ऑफ़ डूइंग इन एग्री बिज़नेस की दिशा में, कृषि मंत्रालय के पौध संरक्षण विभाग ने उद्योग/ व्यवसाय पर नियमों का  बोझ को कम करने के उद्देश्य से कीटनाशकों से संबंधित कई पहल की हैं। ऐसा किसानों से, ‘व्यापार करने में आसानी’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया है। कीटनाशक अधिनियम-1968 और नियमों के तहत 31 मार्च 2021 तक कमी के लिए विनियामक प्रक्रियाओं की 15 आयटम की पहचान की गई थी, जिनमें से 11 अनुपालन, जो कीटनाशकों के पंजीकरण के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों से संबंधित हैं, रिकॉर्ड प्रस्तुत करना आदि को युक्तिसंगत बना दिया गया है या हटा दिया गया है। यह कदम कीटनाशकों के लिए पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने में तेजी लाएगा।

एगमार्क का डिजिटलीकरण

एगमार्क का डिजिटलीकरण एवं सरलीकरण किया जा रहा है, अब एगमार्क के तहत प्राधिकार प्रमाण-पत्र (सीए) के नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल कर 5 वर्षों की वैधता के साथ सीए जारी किए जाएंगे। इसके लिए अधिकृत पैकर भौतिक रूप से दौरा करने की, न्यूनतम मात्रा में ग्रेडिंग करने की एवं औपचारिक आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल उसे ऑनलाइन मोड के माध्यम से निर्धारित शुल्क का भुगतान कर संबंधित कार्यालय को सूचित करना होगा। एगमार्क के तहत कृषि जिंसों के श्रेणीकरण एवं चिह्नांकन हेतु वाणिज्यिक/ संघ/ सहकारी प्रयोगशालाओं का अनुमोदन/ नवीनीकरण भी सरल किया गया है। प्राधिकार प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण के लिए भौतिक निरीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी। एगमार्क प्रतिकृति क्रम संख्याओं के निर्गमन हेतु आवेदन अधिकृत पैकरों द्वारा ऑनलाइन/ ई-मेल द्वारा जमा तथा निर्गत किया जाएगा। निर्यात हेतु एगमार्क के तहत श्रेणीकरण तथा चिह्नांकन के संबंध में प्रयोगशालाओं के अनुमोदन के लिए संयुक्त आकलन टीम (जेएटी) द्वारा प्रयोगशाला का आकलन/निरीक्षण आवश्यक नहीं होगा, यदि संबंधित प्रयोगशाला एनएबीएल प्रत्यायित/आईएसओ प्रमाणित है।

किसानों पर नियामक अनुपालन बोझ को कम करने के लिए आईसीएआर ने ऐसी 19 प्रक्रियाओं की पहचान की है, जो मुख्य रूप से बीज/ रोपण सामग्री/ लाइव स्टॉक/ टीके/ तकनीकी आदि की बिक्री व परीक्षण से संबंधित हैं। इन प्रक्रियाओं को सुगम किया गया है, जिससे किसानों का बोझ कम होगा व उन्हें सुविधा रहेगी। इन प्रक्रियाओं को आईसीएआर के विभिन्न संस्थानों द्वारा संचालित किया जाता है।

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स्रोत: krishakjagat