किसानों को तोहफ़ा: 13 राज्यों में सरकार एमएसपी पर खरीदेगी चना और मसूर, उपज की होगी अच्छी बिक्री

April 08 2020

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने कई कार्यों को स्थगित कर दिया है, तो कई कार्यों को जारी रखने की मंजूरी दे दी है. इसमें कृषि संबंधी कार्य भी शामिल हैं. किसान इस वक्त रबी फसलों की कटाई में जुटे हैं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य फसल खरीद शुरू नहीं हुई है. इस बीच केंद्र सरकार (Central Government) ने किसानों के लिए एक अहम फैसला लिया है. दरअसल, देश के 13 राज्यों से समर्थन मूल्य (MSP) में चना और मसूर की खरीद की जाएगी. इस फैसले से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है. 

13 राज्यों में किसानों से समर्थन मूल्य में चना और मसूर की खरीद

केंद्र सरकार ने देश के 13 राज्यों को चना और मसूर की खरीदी करने की मंजूरी दी है. यह खरीद समर्थन मूल्य योजना के तहत होगी. इनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, केरल, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़,तमिलनाडु, उत्तराखंड और असम, पश्चिम बंगाल शामिल हैं. बता दें कि इन राज्यों में हरियाणा और राजस्थान को पहले ही समर्थन मूल्य पर चना खरीदने की मंजूरी मिल गई है.

चना और मसूर का समर्थन मूल्य

रबी फसलों का समर्थन मूल्य तय किया जा चुका है. इन मूल्यों के आधार पर ही  सरकार द्वारा खरीद की जाएगी. इस साल चने का समर्थन मूल्य 4875 रुपए प्रति क्विंटल है, जो पिछले साल से 255 रुपए ज्यादा है. इसके अलावा मसूर का समर्थन मूल्य 4800 रुपए प्रति क्विंटल है, जो कि पिछले साल से 325 रुपए ज्यादा है.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने खुशी जताई है. उनका मानना है कि इस कदम से किसानों को बहुत लाभ होगा. इसके साथ ही अन्य लोगों के लिए उपज की आपूर्ति भी हो पाएगी. इस वक्त किसानों कीतरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, ताकि वे अपनी उपज की बिक्री अच्छे से कर पाएं.

जानकारी के लिए बता दें कि मोदी सरकार ने4.91 करोड़ किसानों को राहत दी है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM KisanSamman Nidhi Scheme) के जरिए करोड़ों किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए की राशि भेजी है. इसके अलावा पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) के जरिए करोड़ों रुपए के भुगतान का दावा किया है. बता दें कि इस भुगतान की राशि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को की जाएगी.  


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स्रोत: कृषि जागरण