किसानों की आय बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए जिंदल स्टेनलेस फाउंडेशन (जेएसएफ) ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. इस समझौते से जिंदल स्टेनलेस फाउंडेशन की कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (सीएसआर) के तहत जारी कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट कृषि उन्नति’में और तेज़ी आएगी जिसका लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है. इस समझौते से पांच साल की अवधि के दौरान दो चरणों में करीब चार लाख किसानों को लाभ मिलेगा. समझौते के तहत जेएसएफ नाबार्ड और अन्य क्रियान्वत भागीदारों को परिचालन में मदद करेगी तथा आंशिक रूप से आर्थिक सहयोग देगी. साथ ही फाउंडेशन लक्षित राज्यों में किसानों के लिए आवश्यक बाज़ार और वित्तीय संपर्क भी बनाएगी.
इस समझौते से एक विशाल प्रणाली तैयार करने में मदद मिलेगी जिससे किसानों को उचित और सब्सिडीशुदा दर पर बेहतर बीज और अन्य कृषि सम्बंधित प्रोद्योगिकी प्राप्त होगी. इस पहल से किसानों को फसलों के चुनाव,बेहतर प्रक्रिया और तकनीकी ज्ञान की प्राप्ति,लागत स्रोत तक पहुँच, सरकारी योजनाओं के अभिगमन एवं बाज़ार तक पहुँच बनाने में मदद मिलेगी.
पिछले कुछ सालों में जेएसएफ ने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण तथा लैंगिक समानता, रोज़गार सृजन एवं कौशल प्रशिक्षण और स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा में सुधार लाने के सम्बन्ध में रोगों की पहचान तथा रोकथाम की पहलों जैसी समुदाय केन्द्रित परियोजनाओं के साथ हरियाणा स्थित हिसार और ओड़िशा स्थित जाजपुर में अग्रणी भूमिका निभाई है.
जिंदल स्टेनलेस के सीएसआर प्रमुख ब्रिगेडियर राजीव विलियम्स और नाबार्ड के कृषि क्षेत्र विकास विभाग के मुख्य महाप्रबंधक श्री अविनाश सी श्रीवास्तव ने जिंदल स्टेनलेस फाउंडेशन की अध्यक्षाश्रीमती दीपिका जिंदल,नैबकॉन्स के प्रबंध निदेशक श्री नरेश गुप्ता,ग्राम उन्नति के संस्थापक एवं निदेशक श्री अनीश जैन और संयुक्त राष्ट्र कृषि विकास अंतरराष्ट्रीय कोष (यूएन इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट) की सुश्री मीरा की मौजूदगी में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया. इस समझौते से हरियाणा,ओड़िशा और अन्य राज्यों के किसानों को लाभ होगा.
इस पहल का नेतृत्व करते हुए जेएसएफ किसान उत्पादक संगठन,किसान क्लब और नाबार्ड द्वारा संवर्धित स्वयं-सहायता समूह (सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स)जैसी संस्थाओं को मज़बूत करेगी ताकि बेहतर बाज़ार,उत्पादन-सामग्री (इनपुट) तथा वित्तीय स्रोत की सुलभता बढ़े. नाबार्ड अपनी विभिन्न योजनाओं के ज़रिये जेएसएफ की पहलों का सहयोग करेगा. नाबार्ड समझौतेके क्रियान्वयन के लिए क्षेत्रीय स्तर पर सम्बद्ध व्यक्तियों/टीमों को भी नियुक्त करेगा.
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स्रोत: कृषि जागरण