किसान दे रहे कमल के फूलों की खेती पर जोर

September 25 2019

दुर्गा पूजा आने में अब कुछ ही समय बचा हुआ है और कमल के फूलों के बिना दुर्गा पूजा अधूरी मानी जाती है फिर चाहे वह पश्चिम बंगाल की पूजा हो या फिर विदेश की. कमल का फूल दुर्गा पूजा में बहुत ही खास माना जाता है. देश में तो कमल का फूल मिल जाता है लेकिन विदेश में कई जगह पर कमल का फूल नहीं मिलता है इसीलिए पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले से कमल के फूल लंदन भेजे जा रहे है. यह प्रथा पिछले साल शुरू हुई थी जिसमें बाकुंड़ा में कमल के फूलों को लंदन भेजा जा रहा था. इनकी संख्या हजारों में होती थी.

बाहर भेजे जा रहे फूल

बाकुंडा जिले में कमल के फूलों की पैदावार प्राकृतिक तरीके से की जाती है. यहां के फूलों की मांग भी काफी रहती है. यहां के बांकुड़ा में प्राकृतिक तरीकों को अपनाया जा रहा है और उसी तकनीक पर कमल के फूलों की खेती की जाती है. बाकुड़ा से भेजे जा रहे कमल के इन फूलों को लंदन के बाजार में भारी मात्रा में बेचा जाता है. कई एक्सपोर्टर संस्था के लोग इन किसानों से कमल के फूलों को खरीदकर विदेशों में भेजने का काम कर रहे है.

कुल 12 हजार फूलों की डिमांड

इस बार दुर्गा पूजा के लिए 12 हजार कमल के फूलों को भेजने के लिए जिले के उद्यान से दफ्तर में एक चिट्ठी भेजी गई है. दुर्गा पूजा आने में केवल कुछ दिन बाकी है. यहां के स्थानीय बाजारों में फूलों की मांग बहुत है इसीलिए किसान ज्यादा से ज्यादा कमल के फूलों के उत्पादन पर जोर दे रहे है.

विदेशी बाजारों में फूल की मांग ज्यादा

किसानों का कहना है कि अचानक से शुरू हुई बारिश से तालाब में पानी भी भर जाएगा और कमल के यह फूल नीचे डूब जाएंगे. इस तरह से होने पर स्थानीय बाजार समेत विदेशी बाजार में इन फूलों को नहीं भेजा जा सकेगा. इससे बचने के लिए कमल के फूल की कलियों को कोल्ड स्टोरेज में रखने का काम किया जा रहा है. स्थानीय बाजार में इस कमल के फूल की कीमत कुल दो रूपए होती है, वही विदेशी बाजार में इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है और इसी के चलते कई किसान कमल के फूलों की खेती पर जोर दे रहे है. कई सालों से यह स्थान कमल के फूलों के लिए एक हब के रूप में विकसित हो चुका है जहां से फूलों को देश और विदेश के बाजारों तक पहुंचाया जा रहा है.

 

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स्रोत: कृषि जागरण