किसान के खेतों में आसमान से बरस रहा है सोना : कृषि वैज्ञानिक

January 09 2020

बरसात से एक तरफ ठंड बढ़ गई है, लेकिन गेहूं, चना, सरसों व अन्य रबी फसलों के लिए सर्दी की यह बारिश सोना बनकर बरस रही है। बीते कुछ दिनों से उत्तर भारत समेत देश के विभिन्न इलाकों में बूंदा-बांदी हो रही है, जिससे खेतों में खड़ी रबी फसलों की रौनक बढ़ गई है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि तमाम रबी फसलों के लिए यह पानी नहीं, बल्कि सोना बरस रहा है। इंद्रदेव के मेहरबान होने से किसानों को फसलों की सिंचाई पर होने वाला खर्च भी बच गया है।

खासतौर से गेहूं के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने आईएएनएस से कहा कि रबी फसलों के लिए आसमान से पानी नहीं, बल्कि सोना बरस रहा है। इससे फसलों की वृद्धि तेज हो जाएगी और उत्पादकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि खासतौर से गेहूं के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है, क्योंकि बूंदा-बांदी व फुहार के रूप आसमान से जो पानी गिरता है, उससे फसलों को ज्यादा लाभ होता है।

इस साल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 10.8 करोड़ टन हो सकता है

गेहूं रबी सीजन की सबसे प्रमुख फसल है और इसकी बुवाई इस साल औसत से ज्यादा हो चुकी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा बीते सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में रबी फसलों की बुवाई 312.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल से 9.35 फीसदी अधिक है। गेहूं की बुवाई क्षेत्र का सामान्य औसत देश में 305.58 लाख हेक्टेयर है। सिंह ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में मौसम इसी प्रकार अनुकूल रहा तो इस साल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 10.8 करोड़ टन हो सकता है। पिछले साल देश में 10.21 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

दलहन फसल के लिए यह बारिश अमृत के समान

इस बारिश से चना, मसूर व अन्य दलहनों को भी लाभ पहुंचा है। आईसीएआर के तहत आने वाले उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. एनपी सिंह ने आईएएनएस को बताया कि दलहन फसल के लिए यह बारिश अमृत के समान है, इससे दलहनों की पैदावार बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि सर्दी की बारिश को महावट कहा जाता है जो फसलों के लिए काफी लाभकारी होता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जहां किसानों ने फसल की पहले ही काफी सिंचाई कर दी है वहां थोड़ा नुकसान हो सकता है। सिंह ने बताया कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं पाला पड़ने से दलहन फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन कुल मिलाकर इस साल दलहन की फसल अच्छी है और इस बारिश के बाद पैदावार बढ़ेगी।

सरसों की फसल का दाना पुष्ट होगा

देशभर में चना समेत सभी दलहन फसलों का रबका 146.24 लाख हेक्टेयर हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि से 4.02 लाख हेक्टेयर अधिक है। एक अन्य तिलहन विशेषज्ञ ने बताया कि जिन इलाकों में बारिश हुई है वहां सरसों की फसल को काफी लाभ होगा क्योंकि इस बारिश से उसका दाना पुष्ट होगा। देश में तिलहनों का रकबा इस साल अब तक 75.72 लाख हेक्टेयर हो चुका है।

 

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स्रोत: मनी भास्कर