उत्तर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना होगी। इंटरनेशनल सेंटर ऑफ पोटेटो (सीआईपी) का लीमा (पेरू) स्थित मुख्यालय जहां इसके लिए तैयार है, वहीं केंद्र सरकार ने भी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इससे यूपी में प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही प्रसंस्करण से संबंधित प्रजातियों में वृद्धि होगी। इससे आलू का निर्यात बढ़ेगा।
हालांकि प्रसंस्करण में इस्तेमाल होने वाली वेरायटी न होने के कारण यहां पैदा होने वाला 95 फीसदी आलू सब्जी (टेबल पोटेटो) में इस्तेमाल होता है। घरेलू मांग से 5-10 लाख मीट्रिक टन भी उत्पादन ज्यादा होने पर आलू के दाम गिर जाते हैं। नतीजतन, दाम नियंत्रित करने के लिए सरकार को आगे आना पड़ता है।
प्रति हेक्टेयर 24-25 मीट्रिक टन उत्पादन
यूपी में उत्पादकता भी काफी कम है। प्रति हेक्टेयर 24-25 मीट्रिक टन आलू होता है, जबकि विदेशों में प्रति हेक्टेयर यह मात्रा 50-70 मीट्रिक टन तक है। आधुनिक तकनीक और अच्छी वेरायटी इस्तेमाल करके उत्पादकता बढ़ाए जाने की काफी गुंजाइश है।
सीएम योगी ने केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा था पत्र
सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी में अंतरराष्ट्रीय पोटेटो सेंटर खोलने के लिए पूर्व में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र भी लिख चुके हैं। सोमवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी के साथ सीआईपी, लीमा के प्रतिनिधियों की बैठक भी होगी। इसमें आगे की रूपरेखा तैयार होगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, आगरा में ही यह केंद्र खोले जाने की ज्यादा संभावना है, क्योंकि वहां सबसे ज्यादा आलू उत्पादन होता है।
उद्यान विभाग तैयार कर रहा कार्ययोजना
इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सीआईपी आगे आया है। अच्छी किस्म के आलू उत्पादन में वृद्धि के लिए सीआईपी दक्षिण अफ्रीका और वियतनाम समेत कई देशों में अपने केंद्र खोल चुका है। कई कारणों से पहले भारत में मध्य प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र खोलने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन सबसे ज्यादा उत्पादन होने के कारण अब यह केंद्र यूपी में खोलने के लिए सहमति बनी है। आगरा, लखनऊ या आसपास के आलू उत्पादक किसी जिले में यह केंद्र खोला जाएगा, इसके लिए उद्यान विभाग प्रस्तावित कार्ययोजना तैयार कर रहा है।
निर्यात में होगी वृद्धि
अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना होने से अधिकाधिक नई तकनीक का प्रयोग हो सकेगा। प्रसंस्करण के लिए उपयोगी आलू की किस्म की बोआई होगी। किसानों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था भी इस केंद्र के माध्यम से होगी। नतीजतन जहां उत्पादकता बढ़ेगी, वहीं निर्यात में भी वृद्धि हो सकेगी। इस संबंध में उच्च स्तर पर प्रस्तुतीकरण दिया जा चुका है। इसमें कहा गया है कि यूपी में प्रसंस्करण के लिए उपयोगी आलू के किस्म का अभाव है। गुणवत्तापूर्ण वेरायटी उपलब्ध नहीं हैं। उत्पादन लागत भी बहुत ज्यादा है। कोल्ड स्टोरेज का भी अभाव है। अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना होने से इन स्थितियों में आमूलचूल बदलाव आएगा।
उत्तर प्रदेश में इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर खोलने पर गंभीरतापूर्वक विचार चल रहा है। उद्यान मंत्री श्रीराम चौहान मंगलवार को इस मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ दिल्ली में बैठक भी करेंगे।
-एसबी शर्मा, निदेशक उद्यान
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स्रोत: अमर उजाला