मोदी सरकार की किसानों से जुड़ी सबसे प्रमुख योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का अब तक देश के करीब चार करोड़ किसान लाभ उठा चुके हैं. उन्हें दो-दो हजार की दो किस्त मिल चुकी है. लेकिन 8.5 करोड़ किसानों को इसका अब भी इस स्कीम के तहत पैसा मिलने का इंतजार है. यूपी के सबसे ज्यादा करीब सवा करोड़ किसानों ने इसका फायादा लिया है. पंजाब, गुजरात और हरियाणा के किसान भी इसका लाभ लेने में पीछे नहीं हैं.
गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी सरकारें भी पीछे नहीं
गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई प्रदेशों को भी काफी लाभ मिला है. वाईएसआर कांग्रेस शासित आंध्र प्रदेश के 34,92,785 किसान लाभान्वित हो चुके हैं. बीजेडी शासित ओडिशा में 9,74,481 किसानों को पैसा मिला है. सीपीआई-एम शासित केरल के लोग भी फायदा लेने में पीछे नहीं हैं. यहां के 14,71,695 किसानों को खेती-किसानी के लिए सम्मान निधि की दो किस्त मिल चुकी है. हालांकि, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में एक भी किसान को लाभ नहीं मिला है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि केंद्र सरकार का काम पैसा देना है, लेकिन दिल्ली, पश्चिम बंगाल और कुछ कांग्रेसी सरकारें सहयोग नहीं कर रही हैं. ये सरकारें जान बूझकर किसान सम्मान निधि के लिए सूची भेज नहीं रही हैं. जिसकी वजह से इन राज्यों के किसानों को 6000 रुपये नहीं मिल रहे हैं. इसका जवाब उन्हें जनता देगी. कुछ राज्य सरकारें इस स्कीम में सहयोग न करके किसानों के साथ धोखा कर रही हैं.
बीजेपी शासित राज्यों ने उठाया सबसे ज्यादा फायदा
मोदी सरकार की यह स्कीम किसानों को बीजेपी के साथ जोड़ने में काफी हद तक कामयाब रही है. इसीलिए दोबारा सत्ता में आते ही इसका विस्तार सभी 14.5 करोड़ किसानों के लिए कर दिया गया. बीजेपी के मुख्यमंत्रियों ने इसे अपने-अपने राज्य में बहुत तेजी से लागू करवाया और चुनाव में उसका फायदा मिला. योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने राज्य के किसानों को इसका सबसे ज्यादा लाभ पहुंचाने में सफल रही है. मनोहरलाल खट्टर सरकार हरियाणा के 11,33,725 किसानों तक लाभ दिलाने में कामयाब रही. यहां तक कि असम में 13,58,621 किसान लाभ पा चुके हैं.
नहीं मिला है लाभ तो क्या करें?
सबसे पहले कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. रेवेन्यू रिकॉर्ड, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर और आधार नंबर देना होगा. कोई कन्फ्यूजन है तो अपने लेखपाल से संपर्क करना होगा. लेखपाल ही यह वेरीफाई करता है कि आप किसान हैं.
क्या आपको भी नहीं मिला है इस स्कीम का पैसा
अगर लेखपाल और कृषि अधिकारी किसी असली किसान को इसका लाभ देने में आनाकानी कर रहे हैं तो सोमवार से शुक्रवार तक पीएम-किसान हेल्प डेस्क (PM-KISAN Help Desk) के ई-मेल Email (pmkisan-ict@gov.in) पर संपर्क कर सकते हैं. वहां से भी न बात बने तो इस सेल के फोन नंबर 011-23381092 (Direct HelpLine) पर फोन करें. यह केंद्रीय कृषि मंत्रालय की हेल्पलाइन है. इस पर आपकी बात जरूर सुनी जाएगी.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी