अब प्रदेश में यूरिया, डीएपी, एनपीके खाद की नहीं है कमी, जानिए अभी कुल उपलब्ध खाद की मात्रा

December 19 2019

रबी की बुआई का अंतिम दौर में चल रहा है। इसमें से भी मसूर, चना, सरसों, अलसी की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। गेहूं की बुवाई इस माह के अन्त तक चलेगी।

इन सभी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की जरूरत होती है। लेकिन बाजार में खाद उपलब्ध न होने के कारण किसानों को भरपूर उर्वरक नहीं मिल पाता है। या फिर काला बाजारी शुरू हो जाती है।

बिहार सरकार ने खाद (उर्वरक) के संदर्भ में साफ बताया है, कि प्रदेश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।अगर कोई इस तरह की बात फैलाता है, तो वह एक अफवाह है, इस बात पर किसान ध्यान नहीं दें।

दिसम्बर माह में यूरिया, डी.ए.पी, एन.पी.के खाद की कुल उपलब्धता

यूरिया की उपलब्धता:

दिसम्बर 2019 तक राज्य के लिए 7,50,000 मेट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता के विरुद्ध 7,69,300 मेट्रिक टन यूरिया का आंवटन किया गया है, तथा अब तक 4,82,754 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति हो गई है, जबकि 62,041 मीट्रिक टन यूरिया आ रहा है।

डी.ए.पी.की उपलब्धता:

दिसम्बर माह में राज्य के लिए 2 लाख 50,000 मीट्रिक टन डी.ए.पी. की आवश्यकता है। 3,39,400 मीट्रिक टन डी.ए.पी. खाद की आवंटन किया गया है।अब तक 3,45,468 मीट्रिक टन डी.ए.पी. की आपूर्ति किया गया है, जबकि 40,735 मीट्रिक टन रास्ते में है।

एन.पी.के. की उपलब्धता

राज्य को दिसम्बर माह के अन्त तक 1,60,000 मीट्रिक टन एन.पी.के. की जरुरत है। 2,53,100 मीट्रिक टन एन.पी.के. खाद की आपूर्ति किया गया है। 1,45,414 मीट्रिक टन एन.पी.के. खाद की आपूर्ति हो गई है, तथा 12,729 मीट्रिक टन रास्ते में है।

एम.ओ.पी. की उपलब्धता

दिसम्बर माह में एम.ओ.पी. खाद की 1,10,000 जरूरत है। 1,75700 मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति किया गया है। अब तक 1,13368 मीट्रिक टन एम.ओ.पी. खाद पहुँच गया है, तथा 17,159 मीट्रिक टन रस्ते में है।

यूरिया को छोड़कर बाकि के सभी खाद आवश्कयता से अधिक का आपूर्ति किया गया है। जिससे रबी मौसम में किसानों को उर्वरक की कोई कमी नहीं होगा।

खाद नहीं मिल रहा है, या अधिक मूल्य पर मिल रहा है तो क्या करें ? राज्य सरकार ने खाद न मिलने पर शिकायत की व्यवस्था भी की है। यदि किसी भी जिले में अगर किसी भी उर्वरक की आपूर्ति में अनियमितता बरती जाती है, तो किसान भाई – बहन अपने जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, एवं जिला पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।

उर्वरकों की कालाबाजारी पर निगरानी रखने हेतु जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एवं प्रखंड स्तर पर प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में उर्वरक निगरानी समिति गठित है।

इन समितियों की नियमित बैठक कराने हेतु जिला पदाधिकारी को सूचित किया गया है। साथ ही सभी जिला कृषि पदाधिकारियों एवं प्रमंडलीय संयुक्त निदेशकों को भी सतत निगरानी रखने एवं सतर्क रहने का निदेश दिया गया है।

 

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स्रोत: किसान खबर