अत्याधुनिक खेती के साथ कृषि सह व्यवसाय से होगी आमदनी दोगुनी

February 17 2020

आकाशवाणी अंबिकापुर में आयोजित रेडियो किसान दिवस पर जुटे कृषि वैज्ञानिकों और प्रगतिशील कृषकों के साथ आकाशवाणी के अंबिकापुर के चौपाल अनुभाग से जुड़े लोगों ने बेहतर व वैज्ञानिक तरीके से खेती को बढ़ावा देने बल दिया। सभी ने अत्याधुनिक खेती के साथ आय को दोगुना करने, कृषि के साथ जुड़े व्यवसाय को अपनाने का आह्वान किया है।

कार्यक्रम में पहुंचे कृषि विज्ञान केंद्र अजिरमा के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. रविंद्र तिग्गा ने कहा कि बेहतर आय अर्जित करने किसानों को अब कम लाभकारी खेती को छोड़ बेहतर लाभ देने वाली फसलों को अपनाना होगा। खेती के साथ सहयोगी व्यवसाय अपनाने से ही किसान की आय दोगुनी हो सकती है। समन्वित फसल प्रबंधन कर किसान आगे बढ़ सकते हैं। कुछ किसानों ने इसे अपनाया है और अपनी आय दोगुनी भी कर ली है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रविंद्र तिग्गा ने कहा कि किसानों को सबसे पहले फसल चक्र अपनाने की जरूरत है, तभी उन्हें खेती करने में फायदा होगा और बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। उन्होंने खेती के साथ मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरुम उत्पादन जैसे व्यवसाय से जुड़ने का आह्वान भी किया है। उन्होंने कहा कि इन सबके अलावा हमें जैविक खेती की ओर भी ध्यान देना पड़ेगा। रासायनिक उर्वरक के उपयोग से खेती कमजोर हो रही है और उर्वरा शक्ति भी खत्म हो रही है, ऐसे में हमें पारंपरिक खादों की व्यवस्था करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कई ऐसे किसान जो अच्छा काम कर रहे हैं, अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं वे अन्य किसानों के लिए आदर्श होते हैं। उन्होंने कहा कि रेडियो किसान का दोस्त है। रेडियो सुनने के लिए समय देना नहीं पड़ता। अपने काम के साथ किसान रेडियो सुन सकता है। रेडियो के जरिए नए-नए खेती की तकनीक और योजनाओं की जानकारी घर बैठे मिल सकती है। आकाशवाणी अंबिकापुर के सहायक अभियंता एमजी राजे ने कहा कि आकाशवाणी लंबे समय से किसानों के हित में कार्य कर रहा है। बड़ी संख्या में किसान आकाशवाणी से जुड़े हैं जो हर रोज अत्याधुनिक खेती की जानकारी प्राप्त कर लाभ उठा रहे हैं। आकाशवाणी का हर कार्यक्रम किसानों को समर्पित होता है। रेडियो किसान दिवस भी आकाशवाणी से जुड़े किसानों के हितार्थ आयोजित हो रहा है। इससे भी किसानों को लाभ मिलेगा। आकाशवाणी अंबिकापुर के कार्यक्रम अधिकारी प्रमेंद्र कुमार ने कहा कि हम लोक सेवा के प्रसारक हैं। मनोरंजन के साथ हमारा उद्देश्य लोगों को लाभ पहुंचाना है। देश के प्रधानमंत्री का विजन भी है कि किसानों की आय दोगुना हो। मन की बात से लेकर कई ऐसे कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री अपना संदेश किसानों को देते हैं। उन्होंने स्वयं रेडियो को चुना है जहां से सर्वाधिक संदेश लोगों तक प्रसारित हो। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में रेडियो किसान दिवस की शुरुआत हुई तब से इसका महत्व हम देखते आ रहे हैं। न जाने कितने किसान और कृषि वैज्ञानिक व कृषि से जुड़े व्यवसाय करने वाले रेडियो से जुड़े और इसका लाभ ले रहे हैं। हम किसानों को सीधे तकनीकी जानकारों से मुलाकात कराते हैं। उन्हें नई-नई तकनीक की जानकारी देते हैं। कार्यक्रमों में किसी एक किसान के द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब हजारों किसानों के लिए होता है, हमारा उद्देश्य यही है। उन्होंने कहा कि रेडियो ने कृषि के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाया है। किसानवाणी कार्यक्रम के तहत किसानों को हर रोज नई तकनीकी जानकारी मिल रही है। कार्यक्रम में पहुंचे कृषि व्यवसाय करने वाले प्रगतिशील कृषक उत्तम सिन्हा बिश्रामपुर ने कृषि के साथ मुर्गी पालन पशु पालन, मछली पालन से जुड़ी जानकारियां दी और किसानों को कृषि सह व्यवसाय कर बेहतर आय अर्जित करने की सीख दी। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत खेमरिया व आभार प्रदर्शन आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक फ्रांसिस जेवियर एक्का ने किया। रेडियो किसान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आकाशवाणी अंबिकापुर से जुड़े वशिष्ट सिंह यादव, एस. धमेर्द्र, अनंगपाल दीक्षित, देवेंद्रदास सोनवानी, धनंजय मिश्रा, विनितेश गुप्ता, कृष्णानंद तिवारी, अर्चना दीक्षित, रामा बुधिया, सरिता गर्ग, रुखसार परवीन, पद्मा शर्मा, अंजुम शमीम, आशीष पटेल सहित किसान साथी भी मौजूद थे।

मेरे पिता साल भर खाने के लिए भी अनाज पैदा नहीं कर पाते थे

लिबरा गांव के प्रगतिशील किसान रामकेश्वर ने अपनी सफलता का राज बताया तो उपस्थित लोग दंग रह गए। रामकेश्वर का कहना था कुछ वर्ष पूर्व मेरे पिता जब खेती करते थे तो साल भर खाने के लिए अनाज नहीं मिलता था किंतु आज मैं अत्याधुनिक खेती कर रहा हूं। धान गेहूं के साथ-साथ सब्जियां पैदा कर रहा हूं। मेरी सालाना आय पांच लाख हो चुकी है। प्रगतिशील कृषक ने पारंपरिक सुगंधित थानों को संरक्षित करने का भी आह्वान किया है। सरहरी प्रतापपुर के कृषक प्रेमचंद्र कुशवाहा ने आम का उद्यान लगाकर उसके साथ हल्दी, अदरक, सूरन लगाकर लाभ कैसे कमाया जाता है इसके टिप्स दिए।

सौ बकरियों की मालकिन बन गई चुनमुनिया

ठाकुरपुर की प्रगतिशील महिला चुनमुनिया ने बकरी पालन की सफलता बताकर उपस्थितजनों को आश्चर्यचकित कर दिया। उसने बताया कि अपने मायके से मात्र दो बकरी लाकर घर में पालना शुरू किया और आज उसके पास 100 बकरे बकरियां हैं, जिससे उसे जबरदस्त आर्थिक आय का साधन मिल गया है। उसने जिस अंदाज में अपने बकरी पालन व्यवसाय की जानकारी दी लोग मंत्रमुग्ध हो सुनते रहे। इस जागरूक महिला कृषक की सभी ने जमकर सराहना की। रेडियो किसान दिवस पर चौपाल के सभी समनुदेशिति साथियों ने भी कृषि वैज्ञानिकों और प्रगतिशील कृषकों से किसानों के हित से जुड़े सवाल किए, जिसका समाधान भी मिला।


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स्रोत: नई दुनिया