PM-Kisan स्कीम के एक साल: 51000 करोड़ लाभार्थियों को मिले, 36 हजार करोड़ लटके, ऐसे लें फायदा

February 24 2020

पीएम नरेंद्र मोदी किसानों की आय बढ़ाने को लेकर काफी संजीदा हैं, लेकिन ज्यादातर अधिकारी ऐसा होने देना नहीं चाहते. ऐसे ही लोगों की लापरवाही से पीएम मोदी के किसान मिशन पर ब्रेक लग रहा है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan Samman Nidhi Scheme) को आज साल भर पूरे हो गए लेकिन अब तक देश के आधे किसानों तक भी इसका पूरा लाभ नहीं पहुंच सका है. देश में 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं जिनमें से सिर्फ 6.22 करोड़ लोगों तक की 6000-6000 रुपये की सहायता पहुंच सकी है.

आवेदन करीब पौने दस करोड़ लोगों ने किया है लेकिन सरकारी अधिकारियों ने उन्हें अपने मकड़जाल में उलझ़ा रखा है. इसीलिए इसके लिए रखे गए 87 हजार करोड़ रुपये के बजट में से सिर्फ 51,000 करोड़ रुपया ही किसानों तक पहुंच सका है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि किसानों की स्थिति कैसे सुधरेगी?

अधिकारियों का हथियार बना वेरीफिकेशन 

जो पैसा किसानों के बैंक अकाउंट तक पहुंचना था वह अभी सरकारी तिजोरी में पड़ा हुआ है. वजह ये है कि जिन अधिकारियों पर किसानों के कल्याण का जिम्मा है वे ही उनके दुश्मन बन गए हैं.

दरअसल, दिक्कत ये है कि पहले जो पैसा सरकारें किसानों के कल्याण के लिए भेजती थीं उन्हें योजनाओं के माध्यम से खर्च करने का जिम्मा अधिकारियों के पास होता था लेकिन अब डायरेक्ट किसान के अकाउंट में पैसे भेजने की व्यवस्था हो गई है इसलिए सिस्टम के ‘दीमक’ परेशान हैं.

इतने बड़े बजट में से उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा. इसलिए ऐसे अधिकारियों ने अब वेरीफिकेशन को अपना हथियार बना लिया है. किसान शिकायत कर रहे हैं लेकिन उन तक पैसा नहीं पहुंच रहा. उनकी न लेखपाल सुनता है न कानूनगो और न पटवारी. इनके बिना लाभ नहीं मिल सकता.राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक सदस्य विनोद आनंद कहते हैं कि अधिकारियों की लापरवाही तो है ही साथ में एक बड़ा मसला राजस्व रिकॉर्ड का भी है. राज्य सरकारों के पास अपने किसानों का सही डाटाबैंक नहीं है. इसकी वजह से भी दिक्कत पेश आ रही है.

किसानों के लिए यह है रास्ता 

बुलंदशहर जैसे जिले में सवा लाख किसान आवेदन करके पैसे के लिए कृषि अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. यही हाल योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का भी है जहां एक लाख किसानों को इस स्कीम के तहत सहायता का इंतजार है. अगर आपको अधिकारियों की लापरवाही से पैसा नहीं मिल पा रहा है तो पीएम किसान सम्मान निधि योजना की हेल्पलाइन (PM-Kisan Helpline No. 155261) या 1800115526 (Toll Free) या फिर 011-23381092 पर संपर्क कर सकते हैं. ई-मेल आईडी (pmkisan-ict@gov.in) पर अपनी शिकायत मेल भी कर सकते हैं.

बयानबाजी और आंकड़ों की सच्चाई  

इस स्कीम के तहत 2000 रुपए की पहली किश्त 1 दिसंबर 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच किसानों को भेजी जानी थी. जबकि अंतिम और तीसरी किश्त 30 नवंबर 2019 तक पहुंच जानी चाहिए थी. लेकिन 1 दिसंबर 2019 तक अंतिम किश्त सिर्फ 3.86 करोड़ किसानों तक ही पहुंची थी. उसके बाद काम में थोड़ी तेजी आई है और यह आंकड़ा 22 फरवरी 2020 को 6.22 करोड़ तक पहुंच गया है. योजना की औपचारिक शुरुआत 24 फरवरी 2019 को ही हुई थी.

दूसरा चरण: 3.10 करोड़ किसानों को मिले 2-2 हजार

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 22 फरवरी तक 8.45 करोड़ किसानों को पहली किश्त और 7.57 करोड़ किसानों तक ही दूसरी किश्त पहुंच पाई है. उधर, स्कीम का दूसरा चरण भी शुरू हो चुका है. जिसके तहत 2000 रुपये की पहली किश्त 3.10 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट तक पहुंच चुकी है. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि जैसे-जैसे राज्यों से लिस्ट आ रही है उसके हिसाब से स्कीम का पैसा जा रहा है.

सरकार ने क्या किया?

केंद्र सरकार ने इस स्कीम में किसानों का आधार लिंक करवाने में 30 नवंबर तक की छूट दी थी. इसके बाद भी राहत दी गई थी. लेकिन 30 दिसंबर 2019 के बाद आधार वेरीफिकेशन पर सख्ती कर दी गई. इसलिए आवेदन तो ज्यादा आ रहे हैं लेकिन उस हिसाब से लाभार्थियों की संख्या नहीं बढ़ रही है.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी