देश के राष्ट्रीय फूल (national flower of India) कमल के बारे में यह बात सबको पता है कि यह तालाब में उगता है. कीचड़ में निकलने वाले इस कमल (Lotus) का इस्तेमाल ज़्यादातर पूजा-पाठ में ही किया जाता है और यही वजह है कि इसके उत्पादन में किसान कुछ ख़ास रुचि नहीं लेते है. वहीं अब ऐसा नहीं होगा. यह कमल का फूल अब किसानों के लिए आमदनी का एक बेहतर ज़रिया बनने जा रहा है. कमल को अब कीचड़ के साथ खेतों में भी उगाने की तैयारी की जा रही है. जी हाँ, जल्द ही किसान आने वाले कुछ समय में कमल की खेती कर सकेंगे जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी. इसी को संभव बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) ने "मिशन लोटस" की शुरुआत की है.
कमल के पौष्टिक तत्व बढ़ाएंगे सेहत और व्यवसाय
डॉ. एस.के. तिवारी के मुताबिक लोग कमल के फूल के बारे में ही ज़्यादा जानते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. फूल के साथ ही इसकी जड़ों और बीजों में कई तरह के खास पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. यही वजह है कि इनसे कई तरह के उत्पाद भी बनाए जाते हैं. इन उत्पादों की विदेशों में (international market) में काफी मांग है. इस तरह व्यवसाय की दृष्टि से भी किसानों के लिए बड़े पैमाने पर कमल की खेती काफी मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. चीन और साउथ अमेरिका जैसे कई देशों में कमल से बने उत्पादों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: कृषि जागरण