NBRI के लोटस मिशन से किसान अब खेत में भी उगा सकेंगे कमल

January 10 2020

देश के राष्ट्रीय फूल (national flower of India) कमल के बारे में यह बात सबको पता है कि यह तालाब में उगता है. कीचड़ में निकलने वाले इस कमल (Lotus) का इस्तेमाल ज़्यादातर पूजा-पाठ में ही किया जाता है और यही वजह है कि इसके उत्पादन में किसान कुछ ख़ास रुचि नहीं लेते है. वहीं अब ऐसा नहीं होगा. यह कमल का फूल अब किसानों के लिए आमदनी का एक बेहतर ज़रिया बनने जा रहा है. कमल को अब कीचड़  के साथ खेतों में भी उगाने की तैयारी की जा रही है. जी हाँ, जल्द ही किसान आने वाले कुछ समय में कमल की खेती कर सकेंगे जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी. इसी को संभव बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) ने "मिशन लोटस" की शुरुआत की है.

Mission Lotus के तहत National Botanical Research Institute (NBRI) न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मज़बूत करेगा बल्कि लोगों की सेहत भी सुधारेगा. संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एस.के. तिवारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना पर काम किया जा रहा है. इस प्रयास में सफल होने के बाद इसकी खेती की शुरुआत कराई जाएगी.

कमल के पौष्टिक तत्व बढ़ाएंगे सेहत और व्यवसाय 

डॉ. एस.के. तिवारी के मुताबिक लोग कमल के फूल के बारे में ही ज़्यादा जानते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. फूल के साथ ही इसकी जड़ों और बीजों में कई तरह के खास पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. यही वजह है कि इनसे कई तरह के उत्पाद भी बनाए जाते हैं. इन उत्पादों की विदेशों में (international market) में काफी मांग है. इस तरह व्यवसाय की दृष्टि से भी किसानों के लिए बड़े पैमाने पर कमल की खेती काफी मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. चीन और साउथ अमेरिका जैसे कई देशों में कमल से बने उत्पादों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

 

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स्रोत: कृषि जागरण