Mera Pani Meri Virasat Scheme: 7000 रूपये प्रति एकड़ दे रही सरकार, तुरंत करें आवेदन

June 18 2021

हरियाणा के किसानों को मनोहर लाल खट्टर सरकार प्रति एकड़ 7000 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की है। यह प्रोत्साहन राशि राज्य के उन्हीं किसानों को दी जाएगी जो धान की खेती की जगह वैकल्पिक खेती शुरू करेंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए यहां के किसानों को 25 जून के पहले आवेदन करना होगा। तो आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं-

Mera Pani Meri Virasat Scheme का  क्या है उद्देश्य?

आज देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या के कारण किसान अपनी फसलों की अपेक्षित पैदावार नहीं ले पाते हैं। हरियाणा के भी कई इलाके हैं जहां पानी को लेवल नीचे जा रहा है। जिस वजह से धान की खेती करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकार किसानों को धान की जगह वैकल्पिक खेती करने की सलाह दे रही है। गौरतलब है कि धान की खेती के लिए पर्याप्त पानी जरूरत पड़ती है। लेकिन प्रदेश के कई भागों में पानी का स्तर गिरता जा रहा है। इसलिए सरकार किसानों को धान की जगह मूंग, अरहर, मक्का, तिल, उड़द, कपास तथा सब्जी जैसे वैकल्पिक फसलों की खेती करने की अपील कर रहे। ऐसे में धान की खेती को छोड़ वैकल्पिक फसलों की खेती करने के दौरान किसानों को आर्थिक रूप से परेशान न हो इसलिए यह प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है. इसके लिए सरकार प्रति एकड़ 7000 रूपये की प्रोत्साहन राशि किसानों को देगी।

किन क्षेत्रों में शुरू की गई योजना?

राज्य के जिन इलाकों में भू-जल स्तर 40 मीटर की गहराई पर है। वहीं जहां किसान 50 हार्स पावर से अधिक क्षमता वाले ट्यूबवेल का उपयोग करते हैं। ऐसे किसानों को धान की खेती करने की अनुमति नहीं है. वहीं जिन ब्लाकों में भू-जल स्तर 35 मीटर से नीचे है वहां भी धान की खेती नहीं की जा सकती है। इस योजना के अंतर्गत सीवन, गुहला, रतिया, पीपली, बाबैन, शाहजहानाबाद, सिरसा और इस्माईलाबाद जैसे क्षेत्र आते हैं।

क्या है योजना?

  • इन क्षेत्रों के किसान अगर अपनी 50 प्रतिशत या उससे अधिक जमीन पर धान की जगह कपास, मक्का, बाजरा, दलहन तथा सब्जियों जैसी वैकल्पिक फसलों की खेती करते हैं तो किसानों को प्रति एकड़ 7000 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
  • पिछले साल किसानों ने जितने रकबे में धान की खेती की उसके आधे भाग में इस साल अन्य फसलों की खेती करने पर यह राशि दी जाएगी।
  • वहीं किसानों ने अगर फसल विविधीकरण के लिए अपनी भूमि में सिंचाई यंत्र लगाएं हैं तो उन्हें केवल कुल लागत का जीएसटी ही देना पड़ेगा। इसी तरह फसल विविधीकरण के तहत बीमा करवाया है तो किसानों द्वारा भरी जाने वाली राशि राज्य सरकार भरेगी।
  • वैकल्पिक फसलों की खरीदी राज्य सरकार एमएसपी पर ही करेगी।
  • वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए सरकार विभिन्न कृषि संयंत्रों की खरीदी पर 80 फीसदी सब्सिडी प्रदान करेगी.

जरूरी दस्तावेज

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान हरियाणा का निवासी होना चाहिए. इसके अलावा इन दस्तावेजों की पडे़गी जरूरत पड़ेगी.

पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट की पासबुक, मोबाइल नंबर, खेती संबंधित कागजात तथा पासपोर्ट साइज फोटो.

कैसे करें आवेदन

सबसे पहले योजना की आधिकारिक (http://agriharyana.org/) वेबसाइट पर जाए. यहां नए पंजीयन के ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद एक पेज खुलेगा जिसमें आपको अपना आधार नंबर देना होगा। इसके बाद नेक्स्ट क्लिक करेंगे तो आपको फार्मर डिटेल्स देना होगी. इसके बाद कुल जमीन और फसलों की जानकारी आपको भरनी होगी। अब सबमिट बटन पर क्लिक करें। आपका पंजीयन हो चुका है. वहीं आप योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए 1800-180-2117 पर कॉल करें।

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स्रोत: krishijagran