HAU ने बनाई ज्वार की तीन नई किस्में

July 24 2023

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) ने ज्वार की 13 नई किस्में तैयार की है। इससे पशुपालकों और किसानों को बेहद लाभ होगा। ज्वार की इन किस्मों को ऐसी तकनीक से तैयार किया गया है जिससे पशुओं में दूध की मात्रा बढ़े। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने इन किस्मों को बनाने में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है जिससे दूध में प्रोटीन और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ सके. HAU के बनाए ज्वार की किस्मों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के साथ पाचनशीलता भी ज्यादा है जिसका फायदा दुधारू पशुओं को मिलेगा। पशुओं की दूध की मात्रा बढ़ेगी, दूध में पौष्टिकता अधिक होगा जिसका फायदा पशुपालकों और किसानों को मिलेगा। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने ज्वार की जिन 13 किस्मों को तैयार किया है, उनमें से सीएसवी-53 एफ किस्म, एचजेएच-1513 और एचजे-1514 हाल ही में विकसित की गई किस्में हैं। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि ये किस्में किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगी।

ज्वार की नई किस्मों की विशेषताएं

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा ने बताया कि इन तीनों किस्मों में प्रोटीन की मात्रा और पाचनशीलता अधिक होने के कारण ये पशुओं के लिए बहुत अच्छी है। इससे पशुओं में प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी और पशुओं को ज्वार की इन किस्मों को पचाने में भी आसानी रहेगी। डॉ. शर्मा ने बताया कि ज्वार की सीएसवी 53 एफ एक कटाई वाली किस्म है जिसको देश के ज्वार उगाने वाले सभी राज्यों में उगाने की सलाह दी गई है। किसान और पशुपालक इस किस्म को बस एक बार की कटाई में ले सकते है। इस किस्म की हरे चारे की औसत पैदावार 483 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।

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स्रोत: किसान तक