FSSAI की रिपोर्ट में खुलासा, यूपी में बिक रहे हैं घटिया क्वॉलिटी के खाद्य पदार्थ!

November 26 2019

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी FSSAI की ताजा रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों की क्वालिटी सबसे ज्यादा असुरक्षित पाई गई है। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता चेक करने के लिए साल 2018-19 में राज्यों से 22,583 सैंपल लिए गए थे। इनमें 1404 सैंपल असुरक्षित (कुल का 6.2 फीसदी) पाए गए। इसके अलावा 7,907 सैंपल्स की क्वॉलिटी गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाई गई।

2,506 सैंपल ऐसे भी पाए गए, जिनके प्रचार के दौरान गलत दावे किये गए थे और इन्हें बेचने के लिए ग्राहकों को गलत जानकारी दी जा रही थी। हालांकि अगर प्रतिशत के लिहाज से देखें तो तमिलनाडु के खाद्य पदार्थ देश में सबसे ज्यादा (12.7 फीसदी) असुरक्षित पाए गए। राज्य से लिए गए 5,730 नमूनों में से 728 असुरक्षित मिले, इसके अलावा 813 नमूनों की क्वालिटी गुणवत्ता से निम्न स्तर की थी। 

दिल्ली की स्थिति भी ठीक नहीं

देश की राजधानी दिल्ली में हर त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट की खबरें आती हैं और कई बार मिलावटी खाद्य पदार्थ पकड़े जाते हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018-19 में दिल्ली से खाद्य पदार्थों के 2,461 नमूने एकत्र किए गए। इनमें 96 सैंपल असुरक्षित थे, जबकि 148 सैंपल निम्न गुणवत्ता के पाए गए। वहीं, 241 खाद्य पदार्थों के प्रचार में गलत जानकारी देकर उपभोक्ताओं को भरमाया जा रहा था।

इसके लिए व्यापारियों/उत्पादक कंपनियों पर 29 आपराधिक और 110 सिविल केस दायर किये गए हैं। पिछले मामलों की सुनवाई के दौरान 38 लोगों को दोषी भी ठहराया गया है। इसी दौरान अर्थ दंड के तौर पर व्यापारियों से 47 लाख रुपये से ज्यादा की वसूली की गई है।

केंद्रशासित प्रदेशों में स्थिति सबसे बेहतर

कम से कम खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के मानक के आधार पर केंद्र शासित प्रदेश दूसरे प्रदेशों से ज्यादा बेहतर नजर आते हैं। कुल नमूनों में अंडमान निकोबार, दादर एवं नगर हवेली और पुडुचेरी के किसी भी नमूने में कोई असुरक्षित नहीं पाया गया है। इसके अलावा राज्यों की बात करें, तो उत्तराखंड, मणिपुर, नागालैंड और सिक्किम के खाद्य नूमनों में कोई भी असुरक्षित नहीं पाया गया है। हालांकि कुछ जगहों पर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता निम्न स्तर की थी। 

वहीं, अरुणाचल प्रदेश के 0.3 फीसदी, गोवा के 0.4 फीसदी, गुजरात के 0.5 फीसदी, मध्यप्रदेश के 0.6 फीसदी, पंजाब के 0.8 फीसदी और चंडीगढ़ के एक फीसदी नमूने असुरक्षित पाए गए हैं।  

पूरे देश से ये रहा हाल

अगर पूरे देश में चेकिंग के दौरान साल 2018-19 में खाद्य पदार्थों के 1,06,459 सैंपल लिए गए। इनमें 3,900 सैंपल (कुल का 3.7 फीसदी) असुरक्षित पाए गए। इसके साथ ही 16,870 नमूने निम्न गुणवत्ता के पाए गए। भ्रामक प्रचार से 9,645 पदार्थों के बेचे जाने का मामला सामने आया है। इस दौरान अर्थ दंड के तौर पर व्यापारियों/कंपनियों से 32.57 करोड़ रुपये वसूले गए।

 

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स्रोत: अमर उजाला