भारत में डेयरी व्यवसाय इन दिनों काफी बड़ा व्यवसाय बना हुआ है. डेयरी की बढ़ती तादाद की वजह से इन दिनों पशुओं की मांग भी बढ़ती जा रही है. डेयरी व्यवसाय मुख्यत: युवाओं के बीच खूब लोकप्रिय हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में कई युवा डेयरी व्यवसाय से जुड़ रहे हैं और सरकार के द्वारा भी उन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा है. वहीं कई राज्यों में डेयरी व्यापार को सरल बनाने के लिए गायों की ख़रीद पर अनुदान भी दीया जा रहा है.
कहां से मिलेगी गायें:
राज्यपाल मीडिया को एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ये देसी गायें राजस्थान में मिलेंगी वहां आज भी बहुत ऐसी गायें हैं जिनके साथ छेड-छाड़ नहीं की गई हैं और वो 10 से 12 लीटर दूध देती हैं. उन्होंने कहा वो खुद एक साहिवाल नस्ल की गाय शिमला लेकर आए हैं जो ठंड और बर्फ दोनों में खड़ी रहती है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पहाड़ी इलाकों में पाए जाने वाली गायों में दूध कम है और इसमें खर्च ज्यादा और मुनाफा कम होता है. उन्होंने अंत में कहा कि राज्य में टॉप नस्लों का सीमन मंगवाया जाएगा जिससे अगली प्रजातियों को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारी देसी गाय साहिवाल, गिर, हरियाणवी, रेड सिंधी आदि हैं. ये भारतीय नस्लें हैं.
Source: Krishi Jagran