मौसम परिवर्तन से किसानों की बैचेनी बढ़ी, हार्वेस्टर से निकला रहे हैं

February 09 2018

पिछले दो दिनों से हुए मौसम परिवर्तन ने किसानों की बैचेनी बढ़ा दी है। क्षेत्र में रबी फसल की कटाई जोरो पर है। मंगलवार से मौसम में परिवर्तन होने लगा और बादल दिखाई दिए। बुधवार सुबह से पूरे क्षेत्र में कोहरा सा छा गया। दिनभर सूर्य देवता की बादलों में लुकाछिपी चलती रही। दोपहर बाद कुछ देर ही ग्रामीणों को सूर्य देवता के दर्शन हुए। ठंडी सर्द हवा से क्षेत्रवासी दिनभर कांपते रहे। मौसम परिवर्तन देख किसान अपनी कटी हुई फसल को निकालने में जल्दी कर रहे हैं। साथ ही किसानों को बारिश एवं ओले का डर भी सता रहा है। क्योंकि फसल पकने के बाद बारिश होती है तो किसानों की फसल खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाएगी। इधर मौसम का मिजाज देख किसान चिंतित होने लगा और जल्दी ही अपनी कटी हुई फसल निकालने के लिए थ्रेशर, हड़ंबा एवं हार्वेस्टर मशीन की जुगाड़ में लग गया है। किसानों में यह डर बैठ गया कि कहीं बारिश व ओले न गिरने लगे नहीं तो पकी पकाई फसल हाथ से चली जाएगी। किसान को जो भी फसल निकालने का साधन मिला उससे ही फसल निकालने लगे हैं। कई किसानों को थ्रेशर मशीन नहीं मिली तो उन्होंने अपनी फसल को खले में एकत्रित कर पल्ली से ढंक दिया है।

दिनभर छाए रहे बादल, किसान चिंतित

सिरोल्या। मकर संक्रांति के बाद लगातार तापमान बढ़ रहा था। तेज धूप की वजह से फसल तेजी से पक रही थी। वहीं मंगलवार को क्षेत्र में बादलों ने डेरा डाल दिया है और पूरे दिन बादलों की आमद ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र में चने की कटाई जोरो पर है। ऐसे में यदि मावठा गिरता है तो सूख रही कटी हुई फसल का दाना काला हो सकता है। वहीं गेहूं की खड़ी फसल भी आड़ी पड़ने से दाना छोटा हो सकता है। किसान अभी फसल कटाई में व्यस्त दिख रहे हैं। क्षेत्र में गेहूं फसल की कटाई एक सप्ताह बाद तेजी से शुरू होगी।

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Source: Naiduniya