6000 से बढ़कर 8000 रुपये हो सकती है पीएम किसान सम्मान निधि की रकम, एसबीआई ने भी दी रिपोर्ट!

July 02 2019

मोदी सरकार अपने बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan) के तहत किसानों को दी जाने वाली सहायता बढ़ा सकती है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इसकी अच्छी सियासी फसल काटी है. अब विधानसभा चुनावों के मद्देनजर और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए सरकार इस स्कीम के तहत मिलने वाले सालाना 6000 रुपये को बढ़ाकर 8000 कर सकती है. तेलंगाना और ओडिशा की सरकार अपने राज्य के किसानों को मोदी सरकार की इस स्कीम से कहीं अधिक सहायता दे रही हैं. इसलिए भी बजट में किसानों के लिए इसकी बढ़ोत्तरी का तोहफा मिलने की संभावना है.

अब तक देश के चार करोड़ किसानों को इस स्कीम के तहत चार-चार हजार रुपये मिल चुके हैं. पहली बार है जब किसानों के अकाउंट में सीधे पैसा जा रहा है. केंद्र का भेजा सौ फीसदी पैसा मिल रहा है, वरना अब तक किसानों के लिए हजारों करोड़ के बजट बनते थे और वो पैसा अधिकारी और बाबू मिलकर फाइलों में ही खा जाते थे. पैसा मिल रहा है तो खेती की सेहत भी सुधर रही है और मार्केट की. क्योंकि किसान यह पैसा कहीं न कहीं खर्च कर रहा है.

एग्रीकल्चर सेक्टर पर एसबीआई की रिपोर्ट

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष ने अपने एक रिसर्च पेपर में कहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि का 14 करोड़ किसानों तक विस्तार करना एक पॉजिटिव स्टेप है. अगले पांच साल के लिए इसे बढ़ाकर 6000 रुपये सालाना से 8000 रुपये करना चाहिए. यह मार्केट में फील गुड फैक्टर और उत्साह बढ़ाएगा. उन्होंने इसकी वजह बताई है.

क्या पैसा बढ़ सकता है? यह सवाल जब हमने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी से किया तो उन्होंने कहा इसमें स्कोप है. किसान की जैसी आवश्यकता है उसके अनुसार प्रधानमंत्री निर्णय लेंगे. सरकार किसानों के हित के लिए हमेशा खड़ी है. उनके लिए ये सरकार अच्छा निर्णय ही लेगी. हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि इसका लाभ सभी किसानों को मिले. मोदी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही किसान सम्मान निधि का विस्तार किया और उनके लिए पेंशन की घोषणा की.

अभी किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6000 रुपये मिलते हैं

ओडिशा कैबिनेट ने 10,000 करोड़ रुपये की जीविकोपार्जन एवं आय वृद्धि के लिए कृषक सहायता Krushak Assistance for Livelihood and Income Augmentation (KALIA) को मंजूरी दी है. इसके तहत ओडिशा के छोटे किसानों को रबी और खरीफ में बुआई के लिए प्रति सीजन 5-5 हजार रुपये आर्थिक मदद का प्रावधान है. नवीन पटनायक सरकार ने इस योजना के तहत 50 हजार रुपये का फसल ऋण 0% ब्याज पर देने का प्रावधान भी किया है. जबकि अन्य जगहों पर अभी किसानों को कृषि कर्ज के लिए कम से कम चार फीसदी ब्याज देना होता है. वहां दलित-आदिवासी भूमिहीन लोगों को कृषि से जुड़े काम करने के लिए 12,500 रुपये की सहायता भी मिल रही है.

आंध्र प्रदेश में भी 10 हजार की सहायता

अन्नदाता सुखीभव योजना और किसान सम्मान निधि का पैसा मिलाकर यहां 10 हजार रुपये सालाना मिल रहे हैं. इसके तहत ऐसे किसान जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा जमीन है और जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में नहीं आते, उन्हें हर साल 10,000 रुपये मिलेंगे और जो योजना में आते हैं उन्हें 4000 रुपये मिलेंगे, जिससे उन्हें मिलने वाली कुल सहायता 10 हजार हो जाएगी.

तेलंगाना में आठ हजार रुपये वाला मॉडल

सबसे पहले तेलंगाना ने किसानों के अकाउंट में पैसा डालना शुरू किया. तेलंगाना में सरकार फसलों की बुआई से पहले प्रति एकड़ तय राशि सीधे खाते में भेजकर किसानों को लाभ देती है. यहां के किसानों को प्रति वर्ष प्रति फसल 4000 रुपये एकड़ की रकम दी जाती है. दो फसल के हिसाब से किसानों को हर साल 8000 रुपये प्रति एकड़ मिल जाते हैं.

 

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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी