51 हजार किसानों के आवेदन की फिर से हो रही जांच

February 08 2020

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में शासन को संशोधित करके भेजे गए डाटा में कमी बताकर 51 हजार से अधिक किसानों का डाटा वापस भेजा गया है। इस डाटा की एक बार फिर से जांच कराई जा रही है। राजस्व विभाग की टीम को इसके लिए गांवों में भेजा जा रहा है। टीम जांच में फिर से इन किसानों के प्रपत्रों का मिलान करेगी। जांच में सही मिलने पर यह डाटा शासन को भेजा जाएगा।

किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए कृषि विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। योजना में अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक किसान आवेदन कर चुके हैं। योजना में राजस्व विभाग द्वारा डाटा ऑनलाइन फीड किया जाता है। यह डाटा राजस्व विभाग से लखनऊ व लखनऊ से दिल्ली ऑनलाइन भेजा जाता है।

किसानों के प्रपत्रों में कई कमी मिलने पर इसमें संशोधन करके 51 हजार से अधिक किसानों का डाटा दिल्ली भेजा गया था। किसी किसान के नाम की स्पेलिंग में कमी थी तो किसी के आधार नंबर या बैंक खातों में संशोधन था। अब यह डाटा वापस आ गया है। डाटा को गलत बताया गया है। इन किसानों के डाटा की अब फिर से जांच कराई जा रही है।

राजस्व विभाग द्वारा फिर से इन किसानों की जांच की जा रही है। एक बार फिर से किसानों के मूल पत्रों से उनके नाम, आधार नंबर, बैंक खाते आदि की डिटेल का मिलान कराया जाएगा। जांच के बाद ही यह डाटा शासन को भेजा जाएगा।

तकनीकी समस्याएं भी आईं सामने

जांच में कुछ तकनीकी समस्या भी आ रही हैं। शासन ने प्रथमा बैंक व सर्व यूपी ग्रामीण बैंकों को एक जगह समायोजित किया है। बैंक का नाम प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक रखा गया है। सर्व यूपी ग्रामीण बैंक का आईएफएससी कोड अब बदल दिया गया है, लेकिन किसानों के पास पुरानी ही पासबुक है।

करा रहे जांच

कृषि उपनिदेशक जेपी चौधरी के अनुसार शासन ने जो डाटा वापस भेजा है उसकी जांच फिर से कराई जा रही है। जो भी कमी मिलेगी उसमे संशोधन करा दिया जाएगा। सभी पात्र किसानों को योजना का लाभ दिलाया जाएगा।


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स्रोत: अमर उजाला