जैविक खेती को प्रमुखता देने की पहल करेगा कृषि विश्वविद्यालय

May 15 2019

इंदिरा गांधी कृषि विवि शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा बरसात के मानसून में खासकर किसानों के लिए जैविक खेती को प्रमुखता देनी की पहल करेगा। इससे जैविक खेती में किसान कई फसल लेने के साथ-साथ पैदावार और अपनी आय भी बढ़ा सकते हैं, जिसमें समन्वित कृषि प्रणाली शामिल है। इसके अलावा राज्य शासन के नरवा, गरुआ, घुरवा और बाड़ी संरक्षण अभियान के माध्यम से प्रदेश में खुशहाली लाने के लिए प्रथम चरण पर योजनाएं शुरू हो चुकी हैं, जिसमें हर संभव सहयोग देने के लिए विवि जल्द ही कई नई योजनाओं पर कार्य करने की भूमिका तैयार कर रहा है। वहीं संचालित विभिन्न विभागों में कृषि के नवाचार को गांव तक पहुंचाने के लिए विवि जिला पंचायत के माध्यम से स्वसहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देने की पहल शुरू करने जा रहा है, जिससे गांव में रह रहे किसान शासन की प्रमुख योजना से लाभान्वित हो सके।

ज्ञात हो कि इस संबंध में जिला पंचायत रायपुर के आला अधिकारी कृषि विवि में संचालित योजनाओं का अवलोकन कर चुके हैं। कृषि विवि के वैज्ञानिकों की मानें तो जिला पंचायत स्वसहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को उद्यानिकी फसलों के साथ, छत पर सब्जी, जैविक खेती, खाद तैयार करना आदि कृषि कार्य में प्रशिक्षण देने की चर्चा की गई। इसके माध्यम से किसान रासायानिक दवाओं का उपयोग किए बगैर उन्नत खेती कर सकते हैं। कम रकबा वाले कृषक भी बेहतर खेती को लेकर निराश होने के बजाय विश्वविद्यालय में संचालित समन्वित कृषि प्रणाली को कैसे अपनाएं, इससे सिर्फ एक नहीं, बल्कि विभिन्न तरह की सम्मिलित खेती कर सकते हैं। ज्ञात हो कि इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना के सीमित रकबे में तहत पारंपरिक खेती के साथ बकरी पालन, पशुपालन, साग-सब्जियों की पैदावार की जा सकती है।

 

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स्रोत: नई दुनिया