ਖੇਤੀਬਾੜੀ
ਜਲਵਾਯੂ
-
Temperature
18-20°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
18-20°C -
Harvesting Temperature
22-24°C
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Temperature
18-20°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
18-20°C -
Harvesting Temperature
22-24°C
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Temperature
18-20°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
18-20°C -
Harvesting Temperature
22-24°C
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Temperature
18-20°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
18-20°C -
Harvesting Temperature
22-24°C
ਮਿੱਟੀ
यह हर तरह की मिट्टी में उग सकती है पर कलराफी या सेम वाली ज़मीन में नहीं उग सकती। मिट्टी नदीन और जड़ रहित होनी चाहिए ताकि बीज एक जैसी गहराई में बोये जा सकें।
ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਕਿਸਮਾਂ ਅਤੇ ਝਾੜ
ਖੇਤ ਦੀ ਤਿਆਰੀ
यदि ज़मीन हल्की हो तो इसमें बहुत जोताई की जरूरत नहीं पड़ती भारी ज़मीनों में गहरी जोताई और उन्हें 3-4 बार जोतना चाहिए। पानी के अच्छे बहाव के लिए सुहागा मारना बहुत जरूरी है। फसल बीजने के समय खेत में सही नमी होनी चाहिए।
ਬਿਜਾਈ
ਬੀਜ
फंगसनाशी/ कीटनाशी दवाई | मात्रा (प्रति किलोग्राम बीज) |
Captan | 3gm |
Thiram | 3gm |
ਖਾਦਾਂ
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA |
SSP | MOP | SULPHUR |
20 | 150 | 15 | 8 |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITROGEN | PHOSPHORUS | POTASH |
9 | 24 | 9 |
ਨਦੀਨਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ
ਸਿੰਚਾਈ
मसूर को आमतौर पर बारानी इलाकों में उगाया जाता है। मौसम के हिसाब से इसे दो या तीन पानी की जरूरत पड़ती है। पहला पानी बीजने से चार हफ्ते बाद और दूसरा पानी फूल लगने के समय लगाएं। फूल और फलियां बनने वाले पड़ाव पर भी सिंचाई बहुत जरूरी है।
ਪੌਦੇ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ
- हानिकारक कीट और रोकथाम
- बीमारियां और रोकथाम
झुलस रोग : इससे टहनियां और फलियों के ऊपर गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। ये धब्बे धीरे धीरे लंबे आकार के बनते हैं। कईं बाद ये धब्बे गोलाकार का रूप ले लेते हैं। बचाव के लिए बीमारी रहित बीज का प्रयोग करें और पौधे को नष्ट कर दें। इसकी रोकथाम के लिए 400 ग्राम बाविस्टिन को 200 लीटर पानी में डालकर प्रति एकड़ पर छिड़काव करें।
ਫਸਲ ਦੀ ਕਟਾਈ
कटाई सही समय पर करनी चाहिए। जब पौधे के पत्ते सूख जाएं और फलियां पक जाएं तब फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। देरी करने से फलियां झड़नी शुरू हो जाती है। इसकी कटाई द्राती से करें। दानों को साफ करके धूप में सुखाकर 12 प्रतिशत नमी पर स्टोर कर लें।