ਖੇਤੀਬਾੜੀ

ਜਲਵਾਯੂ
-
Temperature
18°- 32°C -
Rainfall
50-100 cm -
Sowing temperature
12-15°C -
Harvesting temperature
21-27°C
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Temperature
18°- 32°C -
Rainfall
50-100 cm -
Sowing temperature
12-15°C -
Harvesting temperature
21-27°C
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Temperature
18°- 32°C -
Rainfall
50-100 cm -
Sowing temperature
12-15°C -
Harvesting temperature
21-27°C
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18°- 32°C -
Rainfall
50-100 cm -
Sowing temperature
12-15°C -
Harvesting temperature
21-27°C
ਮਿੱਟੀ
इसे मिट्टी की व्यापक किस्मों जैसे दोमट रेतली से चिकनी दोमट मिट्टी में उगाया जा सकता है। मक्की की खेती के लिए अच्छे निकास वाली, उपजाऊ रेतली दोमट से गारी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। अच्छी उपज के लिए उच्च जैविक पदार्थ युक्त मिट्टी, जिसमें पानी सोखने की क्षमता अच्छी हो, की आवश्यकता होती है। मिट्टी की पी एच 5.5-7.5 होनी चाहिए। भारी चिकनी मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती।
ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਕਿਸਮਾਂ ਅਤੇ ਝਾੜ
ਖੇਤ ਦੀ ਤਿਆਰੀ
खेती के लिए नदीन रहित और पिछली फसल से मुक्त खेत का ही चयन करें। 10-15 सैं.मी. की गहराई पर जोताई करें। मिट्टी के भुरभुरा होने तक खेत की 6-7 बार जोताई करें। गाय का गला हुआ गोबर 4-6 टन प्रति एकड़ में डालें और खेत में 10 पैकेट एज़ोसपीरीलियम के डालें। 45 से 50 सैं.मी. के फासले पर खालियां और मेंड़ तैयार करें।
ਬਿਜਾਈ
ਬੀਜ
फंगसनाशी/ कीटनाशी दवाई | मात्रा (प्रति किलोग्राम बीज) |
Imidachloprid 70WS | 5 gm |
Captan | 2.5 gm |
Carbendazim+Captan (1:1) | 2 gm |
ਖਾਦਾਂ
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP | MOP |
52-110 | 100-160 KG |
27 |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITROGEN | PHOSPHORUS | POTASH |
24-50 | 16-25 | 16 |
ਨਦੀਨਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ
ਸਿੰਚਾਈ
बारिश की तीव्रता, आवृत्ति और तापमान के आधार पर सिंचाई करें। नए पौधे, घुटने तक आने की अवस्था, फूल निकलना और दानें भरना सिंचाई के लिए बहुत गंभीर अवस्थाएं होती हैं। इन अवस्थाओं पर पानी की कमी उपज में बहुत नुकसान कर सकती है। पानी की कमी होने पर खालियां बनाकर सिंचाई करें यह पानी को भी बचाता है।
ਪੌਦੇ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ

- हानिकारक कीट और रोकथाम





- बीमारियां और रोकथाम






ਫਸਲ ਦੀ ਕਟਾਈ
छल्लियों के बाहरले पर्दे हरे से सफेद रंग के होने पर फसल की कटाई करें। तने के सूखने और दानों में पानी की मात्रा 17-20 प्रतिशत होने की सूरत में कटाई करना इसके लिए अनुकूल समय है। प्रयोग की जाने वाली जगह और यंत्र साफ, सूखे और रोगाणुओं से मुक्त होने चाहिए।
ਕਟਾਈ ਤੋਂ ਬਾਅਦ
स्वीट कॉर्न को जल्दी से जल्दी खेत में से पैकिंग वाली जगह पर लेके जायें ताकि उसे आकार के हिसाब से अलग, पैक और ठंडा किया जा सके इसे आमतौर पर लकड़ी के बक्सों में पैक किया जाता है, जिनमें 4-6 दर्जन छल्लियां बक्से और छल्लियों के आकार के आधार पर समा सकती हैं।