हिमाचल में बर्फबारी से जड़ से उखड़े सेब के पेड़, टहनियां टूटी, फ्लावरिंग को नुकसान

April 24 2021

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अप्रैल में हुई बर्फबारी और ओलावृष्टि से सेब बगीचों और अन्य गुठलीदार फसलों को भारी नुकसान हुआ हे। बर्फबारी से सेब पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं। एंटी हेलनेट और खड़े ढांचे ध्वस्त हो गए हैं। सेब पेड़ की टहनियां टूट गई हैं। शिमला, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल, चंबा, मंडी और कांगड़ा के ऊपरी इलाकों में सेब फसल को भारी नुकसान हुआ है। 

राज्य मुख्यालय में पहुंची आकलन रिपोर्ट के अनुसार अभी तक बागवानी फसलों को करीब 5.84 करोड़ का नुकसान हुआ है। सरकार को सोमवार को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी। दूसरी ओर, प्रदेश के मैदानी जिलों कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना और सोलन के बीबीएन क्षेत्र में गेहूं की कटी फसल खेतों में ही खराब हो गई है। कुछ इलाकों में खड़ी फसल काली पड़ने लगी है। बीबीएन क्षेत्र में 30 फीसदी गेहूं की कटी फसल बरबाद हो गई है। वहीं, आम, लीची, आड्ू और प्लम को नुकसान पहुंचा है। 

कुल्लू जिले में बर्फबारी और ओलावृष्टि से सेब फसल को 50 से 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। किन्नौर में भी बागवानी को खासा नुकसान हुआ है। चंबा में विभाग ने बागवानों को 25 प्रतिशत नुकसान का आकलन किया गया है। सोलन की डांगरी पंचायत, बसाल, चायल, धर्मपुर क्षेत्र में टमाटर, शिमला मिर्च समेत गुठलीदार फलों के 70 फीसदी पौधे नष्ट हो गए हैं। सिरमौर के नौहराधार क्षेत्र में आड़ू और सेब की फ्लावरिंग को नुकसान के साथ फलदार पौधों से फल झड़ गए हैं। मटर और टमाटर सहित सब्जियों को भी नुकसान हुआ है। मंडी के करसोग समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब पौधों की टहनियां टूट गई हैं।

बागवानी निदेशक जेपी शर्मा ने कहा कि बागवानी क्षेत्र को करीब 5.84 करोड़ का नुकसान हुआ है। चंबा और शिमला जिले के कई हिस्सों से रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट सोमवार को सरकार को भेजी जाएगी। कृषि निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि कृषि फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट आनी है। गेहूं की फसल अधिकांश क्षेत्रों में काट ली है। कई क्षेत्रों में नई फसलों की बिजाई की जा रही है। कुछ इलाकों में गेहूं की फसल नहीं कटी है, वहां फसलों में नमी हो गई है। 

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स्रोत: amarujala