सागौन, बांस, नीलगिरी एवं अन्य वाणिज्यिक पौधे लगाने के लिए किसानों को दिया जाएगा इतना अनुदान

January 14 2023

वृक्ष सम्पदा योजना अंतर्गत सागौन, बांस, नीलगिरी पौधे पर दिया जाने वाला अनुदान हाल ही में किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं काष्ठ आधारित उद्योगों जैसे पेपर मिल, प्लाईवुड, फर्नीचर, विनियर इत्यादि के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक नई योजना “मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना” शुरू की है। योजना के अंतर्गत किसानों को अपनी भूमि पर वाणिज्यिक महत्व वाले आर्थिक पौधे जैसे सागौन, टिश्यु कल्चर बांस, मिलिया डुबिया (मालाबार नीम), चंदन, क्लोनल नीलगिरी आदि पौधे लगाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी कंपनियों से वापस खरीदी सुनिश्चित कर आय में वृद्धि करना है। सरकार ने किसानों को योजना का लाभ देने के लिए प्रति एकड़ दिया जाने वाली अनुदान की दर निर्धारित कर दी है।

पौध रोपण के लिए कितना अनुदान (Subsidy) दिया जायेगा

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत् प्रति एकड़ 1000 पौधों पर कृषकों को वर्षवार अनुदान की राशि देय होगी। जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में कोल नीलगिरी पौधों के लिए क्रमशः 11 हजार, 7 हजार एवं 7 हजार रुपए, टिश्यू कल्चर बांस के लिए 11 हजार 500, 7 हजार एवं 7 हजार रूपए, टिश्यु कल्चर सागौन के लिए 11 हजार 500, 7 हजार एवं 7 हजार रुपए, मिलिया डुबिया के लिए 11 हजार 500, 7 हजार एवं 7 हजार रुपये तथा अन्य आर्थिक लाभकारी पौधों के लिए 11 हजार 500, 7 हजार एवं 7 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। 

इस प्रकार तीन वर्षों में कोल नीलगिरी पौधों के लिए कुल 25 हजार रुपए, टिश्यू कल्चर बांस, टिश्यू कल्चर सागौन, मिलिया डुबिया तथा अन्य आर्थिक लाभकारी पौधों के लिए 25 हजार 500 रुपए की राशि दी जाएगी। योजना अंतर्गत कुल 06 मॉडल है। 5 एकड़ तक की भूमि पर दिया जाएगा 100 फ़ीसदी अनुदान योजना के अंतर्गत टिश्यु कल्चर सागौन, टिश्यु कल्चर बांस, मिलिया डुबिया ( मालाबार नीम), चंदन, क्लोनल नीलगिरी एवं अन्य आर्थिक लाभ प्रदाय करने वाले प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। जो हितग्राही 05 एकड़ तक की भूमि पर अधिकतम 5 हजार पौधे रोपण करता है तो उसे 100 प्रतिशत अनुदान और यदि कोई 05 एकड़ भूमि से अधिक पर रोपण करता है तो उसे 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। सागौन, बांस, नीलगिरी एवं अन्य पौधे कितने रुपए में मिलेंगे योजना के तहत रोपण का कार्य हितग्राही को स्वयं ही करना होगा। हितग्राही द्वारा फेंसिंग एवं सिंचाई की व्यवस्था स्वयं के व्यय पर करना होगा। हितग्राहियों को मांग अनुसार निःशुल्क पौधे दिए जाएँगे। द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में पौधों के जीवित प्रतिशत अनुसार अनुदान हितग्राही के खाते में हस्तांतरित किया जायेगा। शासन स्तरीय समिति द्वारा प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य का निर्धारण किया जायेगा।

किसे दिया जायेगा योजना का लाभ इस योजना का लाभ समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है उन्हें दिया जाएगा। इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों के सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है।

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  • स्रोत: kisansamadhan