परवाणू में अक्तूबर में शुरू होगी हिमाचल की पहली फूल मंडी, बाहरी राज्यों में नहीं भटकेंगे किसान

September 25 2021

हिमाचल की पहली फूल मंडी में किसानों को अक्तूबर से घरों के पास ही फूल बेचने की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगा। अभी तक प्रदेश के पुष्प उत्पादकों को अपने स्तर पर पड़ोसी राज्यों की मंडियों या बाजारों में फूल बेचने के लिए भटकना पड़ता था। अब इन किसानों को फूल बेचने के लिए सिर्फ परवाणू फूल मंडी तक जाना पड़ेगा और खरीदार भी वहीं पहुंचेंगे। प्रदेश के पांच जिलों सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर और किन्नौर के किसानों को परवाणू की फूल मंडी में फूल बेचने की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश सरकार ने करीब 75 लाख की राशि से फूल मंडी विकसित की है। इस फूल मंडी में दस दुकानें और फूलों की नीलामी को ऑक्शन यार्ड तैयार हो चुका है। जैसे ही मंडी का काम पूरी होगा। इस फूल मंडी का उद्घाटन किया जाना है।

कोरोना काल में फूल उत्पादक को पड़ी थी 200 करोड़ की मार

एक अनुमान के अनुसार पिछले साल कोरोना काल में हिमाचल के फूल उत्पादक को 200 करोड़ की मार पड़ी थी। पुष्प उत्पादक अपने फूल बेचने को बाहरी राज्यों में खुद बाजार तलाशते रहे हैं। लाक डाउन के कारण फूलों को बाहरी राज्य में भेजने में दिक्कत आई थी और चाहते हुए भी फूल नहीं बिक पाए थे। प्रदेश में फूलों को कोल्ड स्टोर में भंडारण की व्यवस्था नहीं थी।

करोड़ों के फूल कारोबार को व्यवस्थित करने के लिए परवाणू में पहली फूल मंडी विकसित की जा रही है ताकि यह कारोबार प्रदेश के बाहर न जाए। इससे फूल उत्पादकों और सरकार को अच्छी आय होगी।

हिमाचल में होती है इन फूलों की पैदावार

प्रदेश में कृषि बागवानी के साथ पुष्पोत्पादन प्रमुख व्यवसाय के रुप में अपनाया जा रहा है। प्रदेश के किसान गेंदा, गुलाब,  ग्लेडियोलस, कार्नेशन, लिलियम जरबेरा सहित मौसमी फूलों की खेती प्रमुख है। राज्य में विदेशी फूलों अलस्ट्रोएमरिया, लिमोनियम, आइरिस, ट्यूलिप और आर्किड के उत्पादन के लिए मौसम अनुकूल रहता है। हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर वे तहा कि अक्तूबर अंत में परवाणू फूल मंडी में किसान फूलों को बेच सकेंगे। सीजन में फूल उत्पादकों को बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।

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स्रोत: Amar Ujala