परंपरागत एवं निजी संस्थानों में बिना मूलभूत सुविधाओं के चल रहा कृषि संकाय

October 04 2021

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जबलपुर महानगर ने कृषि विश्वविद्यालय की समस्याओं को लेकर कलेक्टर के माध्यम से कृषि मंत्री को ज्ञापन दिया। जिसमें आरोप लगाया कि बिना परम्परागत सुविधाओं के ही कृषि पाठ्यक्रम की पढ़ाई विद्यार्थियों की करवाई जा रही है।

परिषद के महानगर मंत्री एवं प्रदेश सह मंत्री सर्वम सिंह राठौर तथा प्रांत एग्रीविजन संयोजक प्रवीण पटले ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में बिना मूलभूत सुविधाओं जैसे प्रवेश परीक्षा, खेती की जमीन, प्रयोगशाला तथा शिक्षकों की भर्ती किए बिना कृषि संकाय शुरू किए जा रहे हैं। जिससे कृषि शिक्षा, कृषि एवं संबंधित प्रकल्पों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऐसे संस्थानों से निकले विद्यार्थियों का भविष्य भी अंधकारमय होगा। परिषद कार्यकर्ताओं ने राज्य कृषि शिक्षा परिषद का गठन करने की मांग की। जिससे परंपरागत और निजी कृषि शिक्षण संस्थानों में यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मानकों एवं मापदंडों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने मांग की कि बिना सुविधा के संचालित कृषि संकाय को बंद किया जाए। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों एवं नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय, जबलपुर में 60 फीसद से अधिक रिक्त पड़े शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों को जल्द से जल्द भरा जाए ताकि कृषि एवं पशु चिकित्सा संबंधित शोध कार्यों पर असर न पड़े।परिषद कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि शीघ्र ही मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संगठन इस मामले को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन में राष्ट्रीय संयोजक कृषि कार्य शुभम पटेल, पवित्र जैन ,प्रशांत, कपिल आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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स्रोत: Nai Dunia