छत्तीसगढ़ में बायोगैस से हो रहा विद्युत उत्पादन

February 03 2023

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डोंगा घाट में बायोगैस से संचालित किए जाने वाले विद्युत उत्पादन केन्द्र का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने विद्युत उत्पादन केन्द्र की स्थापना के लिए उपयोग किए गए तकनीक के संबंध में भी विस्ता से जानकारी ली। भाभा आण्विक अनुसंधान केन्द्र मुंबई द्वारा तैयार किए जा रहे विद्युत उत्पादन केन्द्र में प्रतिदिन लगभग 500 किलो गोबर की आवश्यकता होती है, जिससे लगभग 10 किलोवाट विद्युत का उत्पादन किया जा सकता है। इससे 40 घरों को रोशन करने योग्य विद्युत का उत्पादन होगा। विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग किए गए गोबर का उपयोग पुन: खाद के तौर पर किया जा सकेगा। इसकी क्षमता बढ़ाकर अतिरिक्त बिजली को ग्रिड सिस्टम के माध्यम से विद्युत कंपनी को बेचा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने जगदलपुर नगर निगम द्वारा स्थापित इस विद्युत संयंत्र की प्रशंसा करते हुए प्रदेश के अन्य स्थानों में भी विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की मंशा व्यक्त की।शहर में कचरा संग्रहण के लिए अब क्यू आर कोड तकनीक का उपयोग किया जाएगा। गत दिनों मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहर के 6 वार्डों में इसकी शुरुआत की।मुख्यमंत्री ने यहां गीले कचरे के निपटान के लिए स्थापित वेस्ट कंपोस्ट मशीन का अवलोकन भी किया। इस मशीन के माध्यम से 15 दिन के भीतर गीले कचरे को जैविक खाद में बदला जा सकता है। 1 करोड़ 23 लाख रुपए की लागत से खरीदी गई इस मशीन में प्रतिदिन 2 हजार से 3 हजार किलो गीला कचरा डाला जा सकता है। अभी जगदलपुर में प्रतिदिन लगभग 24 हजार किलो गीला कचरा निकल रहा है। इस कचरे से प्रतिदिन 7200 किलो खाद का निर्माण किया जा सकता है।इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू, कमिश्नर श्री श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी, कलेक्टर श्री चंदन कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र मीणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रकाश सर्वे, नगर निगम आयुक्त श्री दिनेश नाग सहित जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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स्रोत: कृषकजगत