ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसानों को बताएंगे जैविक खाद का महत्व

August 11 2021

गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे जैविक खाद की धूम अब गांवों में मचेगी। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसानों के बीच इसे लेकर जाएंगे। रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का उपयोग करने प्रेरित करेंगे व जैविक खाद के फायदे भी बताएंगे। कलेक्टर डा.सारांश मित्तर ने एक आदेश जारी कर कृषि विभाग के अफसरों से जैविक खाद की बिक्री के लिए योजना बनाने और किसानों के बीच ब्रांडिंग करने कहा है।

खेती किसानी का मौसम है। बोनी पद्धति से खेती करने वाले किसान खेतों में बियासी के कार्य में व्यस्त हैं। रोपाई पद्धति से खेती करने वाले किसान खेतों में रोपा लगवा रहे हैं। यही वह समय है जब किसानों को बड़ी मात्रा में खाद की जस्र्रत पड़ती है। यूरिया,पोटाश और डीएपी जैसे खाद की मांग किसानों के बीच सबसे ज्यादा रहती है। बियासी और रोपाई के दौरान रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का उपयोग करने किसानों को प्रेरित करने की जिला प्रशासन ने योजना बनाई है। कृषि विभाग के मैदानी अमलों को इस अभियान में लगाया जा रहा है।

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अपने प्रभार वाले गांव के किसानों के बीच जा रहे हैं और किसानों को रायासनिक के बजाय जैविक खाद का प्रयोग करने की समझाइश दे रहे हैं। कृषि विस्तार अधिकारी किसानों को जैविक खाद के उपयोग करने से होने वाले फायदे की जानकारी भी दे रहे हैं।

कृषि अधिकारी पर किसानों का भरोसा सबसे ज्यादा

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी का किसानों से सीधा संपर्क रहता है। मौसम के हिसाब से फसल लेने के लिए किसान इनसे ही सलाह मशविरा करते हैं। फसल के अलावा धान व अन्य फसलों में कीट प्रकोप की स्थिति में कौन सा दवाई डालें या छिड़काव करें इसकी सलाह भी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से ही मांगते हैं। यही नहीं उनकी बातों और सलाह पर किसान गंभीरता के साथ अमल भी करते हैं।

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स्रोत: Nai Dunia