खेतिहर मजदूरों को कैंसर व चर्मरोग से बचाएगा ड्रोन

August 19 2021

कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के समूहों के लिए ड्रोन की खरीदी पर विचार कर रहा है। ये ड्रोन कई मामलों में उपयोगी है, क्योंकि ये न केवल फसल में दवा का छिड़काव करेगा, बल्कि खेतिहर मजदूरों को चर्म, कैंसर रोग से भी बचाएगा।

यहां पनारापारा में सोलह अगस्त को केवीके परिसर में 15 किलो वजन ऐसे ही एक ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। इसे चेन्नाई की एक कंपनी ने लांच किया है। लेकिन छग में इसका इस्तेमाल अभी शुरू नहीं हुआ है। तमिलनाडु में बड़े किसान इसका प्रयोग कर रहे हैं। सामान्य तौर पर एक एकड़ में मैन्युअली दवा छिड़काव करने में एक व्यक्ति को करीब एक घंटे लगते हैं, जबकि ये ड्रोन बीस मिनट में ही छिड़काव बेहतर ढंग से कर देता है। बैटरी से संचालित इस ड्रोन में एक साथ दस लीटर तक दवा रखी जा सकती है। छह लाख की ये मशीन इसलिए भी ज्यादा कारगर है, क्योंकि दवा छिड़काव के दौरान मजदूरों को चर्म रोग, कैंसर का खतरा बना रहता है और अतिरिक्त सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं।

रिमोट के जरिए किया जा सकता है दवा का छिड़काव

केवीके के प्रमुख एवं वरिष्ठ विज्ञानी अरूण संकनी ने बताया कि इसका वजन करीब पंद्रह किलो है। इससे 500 मीटर तक आसानी से रिमोट के जरिए दवा का छिड़काव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसकी खरीदी के लिए वे जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजेंगे। इसे स्व सहायता समूहों को सौंपा जाएगा, ताकि दवा छिड़काव में समय की बचत की जा सके। कृषि विज्ञानीअरूण सकनी के मुताबिक ये ड्रोन न केवल धान बल्कि आम, नारियल केला एवं अन्य उद्यानिकी फसलों के पेड़ों पर भी दवा का छिड़काव कर सकता है। केवीके में डेमो के दौरान विज्ञानी अरविंद आयाम, एससी ठाकुर, डा केके पटेल, डा. दिनेश मरापी, भीरेंद्र कुमार पालेकर, यंग प्रोफेशनल केशव सिन्हा एवं यमलेश भोयर के अलावा किसान मौजूद थे।

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स्रोत: Nai Dunia