कृषि मंत्री ने हैदराबाद में एकीकृत जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला का शुभारंभ किया

May 17 2023

भारत सरकार के कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 15 मई, 2023 को तेलंगाना में हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय वनस्पति स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान (एनआईपीएचएम) में एकीकृत जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला का शुभारंभ किया।

कृषि मंत्री ने इस अवसर पर   कहा कि विभिन्न फसलों में कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के साथ-साथ ही खेती की लागत को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कीटों के लिए जैव नियंत्रण का उपयोग करना बहुत जरूरी है।

श्री तोमर ने इस आवश्यकता का भी उल्लेख किया कि प्रयोगशाला में विकसित तकनीकों को उन किसानों तक पहुंचाया जाना चाहिए, जिनकी इन मामलों में जानकारी तक बहुत कम पहुंच होती है, ताकि वे इन तकनीकों के लाभों के बारे में समझ सकें और उनका  उपयोग कर सकें। श्री तोमर ने जोर देकर कहा कि देश की छवि को बनाए रखने के लिए  विदेशी बाजारों में निर्यात होने वाली जैविक रूप से उत्पादित कृषि वस्तुओं में कोई कीटनाशक अवशेष नहीं होना चाहिए।

नवीन एकीकृत जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला (बीसी लैब) एनआईपीएचएम में स्थापित की गई एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला है, जिसमें जैव कीटनाशकों और जैव नियंत्रण एजेंटों के लिए उत्पादन पद्धतियों पर अनुभव प्रदान करने की सुविधा है। इनमें प्रेडटर्स और पैरासाइटोइड्स, एंटोमोपैथोजेनिक कवक, जैव उर्वरक, एनपीवी, फेरोमोन और वनस्पतियां शामिल हैं। जैव-नियंत्रण एजेंटों, जैव-कीटनाशकों एवं जैव-उर्वरकों का उपयोग रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के इस्तेमाल को कम करने में मदद करेगा, जिसके फलस्वरूप पर्यावरण तथा मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव को न्यूनतम किया जा सकेगा और इससे मिट्टी एवं पौधों के स्वास्थ्य में सुधार की गतिविधियां संचालित करने में सहायता मिलेगी।

एकीकृत जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला जैसी सुविधा की शुरुआत होना भारत में रसायन मुक्त टिकाऊ कृषि के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह सुविधा एक्सटेंशन अधिकारियों को कृषि एवं बागवानी की फसलों में कीट प्रबंधन के गैर-रासायनिक विकल्पों को बढ़ावा देने में मदद करेगी। प्रशिक्षित अधिकारी स्थायी कृषि पद्धतियों को अपनाने तथा कीट प्रबंधन के लिए पर्यावरण के अनुकूल कार्य प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु संबंधित क्षेत्रों में किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। यह सुविधा देश में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में कृषि अधिकारियों, एक्सटेंशन अधिकारियों तथा किसानों के ज्ञान व कौशल को बढ़ाने में भी मदद करेगी।

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स्रोत: कृषक जगत