किसानों के लिए सौगात बनेगा वाराणसी का इंटीग्रेटेड पैक हाउस

March 22 2023

यूपी के वाराणसी में पूर्वांचल का पहला विश्व स्तरीय इंटीग्रेटेड पैक हाउस बन कर तैयार हो गया है. बुधवार से शुरू हो रही नवरात्र‍ि के दौरान 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।सरकार का दावा है कि फल और सब्जियों की धुलाई एवं ग्रेडिंग करने वाला यह पैक हाउस यूपी और बिहार के किसानों के लिए आय बढ़ाने की सौगात साबित होगा।पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नवनिर्मित इंटीग्रेटेड पैक हाउस से पूर्वांचल के किसानों द्वारा उपजाई जा रही सब्जी और फलों के एक्सपोर्ट का रास्ता खुलेगा।पिछले सप्ताह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वदेशी तकनीक से बने इंटीग्रेटेड पैक हाउस का जायजा लिया था।यूपी सरकार का दावा है कि इस पैक हाउस के बनने से किसान और बाजार के बीच बिचौलियों का दुश्चक्र टूटेगा। ऐसा होने से किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।

पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

यूपी सरकार की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 24 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट का उद्घाटन कर पूर्वांचल के किसानों को बड़ी सौगात देंगे।स्वदेशी तकनीक पर आधारित यह पैक हाउस पूरी तरह से मेक इन इंडिया मुहिम के तहत बनाया गया है।इसके शुरू होने से यूपी और बिहार के पूर्वांचल इलाके में बनारसी लंगड़ा आम सहित अन्य फल और सब्जियों की पहुंच देश विदेश तक हो जाएगी।सरकार की दलील है कि पूर्वांचल ही नहीं पश्चिमी बिहार के एफपीओ, किसानों और कृषि उद्यमियों के बीच से बिचौलियों को हटाकर उन्हें एक्सपोर्टर बनाने में जुटे कृषि और खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के प्रयासों को यह पैक हाउस फलीभूत करेगा।पीएम मोदी वाराणसी प्रवास के दौरान 1450 करोड़ रुपये की 25 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

सिंगल विंडो सिस्टम पर होगा पैक हाउस में काम

वाराणसी एयरपोर्ट से कऱीब 10 किलोमीटर दूर करखियांव में स्थित इस पैक हाउस का निर्माण 4461 वर्ग फुट क्षेत्रफल में 15.78 करोड़ रुपये की लागत से योगी सरकार ने कराया है।इस पैक हाउस से फल और सब्जियों का निर्यात करने के लिए पूरी तरह से सिंगल विंडो क्लीयरेंस व्यवस्था लागू की गई है।इस पैक हाउस जल, थल और वायु मार्ग से निर्यात करने के संसाधनों से लैस है।यहां किसान उद्यमियों को विश्व बाजार की मांग को पूरा करने के अनुरूप कृषि उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।यह सहारनपुर और लखनऊ के बाद यूपी का तीसरा तथा पूर्वांचल का पहला इंटीग्रेटेड पैक हाउस है।इससे पूर्वांचल की सब्जियां और फलों की खेप इस पैक हाउस से सीधे विदेशों में निर्यात हो सकेगी।

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी प्रोसेसिंग

इस पैक हाउस में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए पेरिशेबल फ़ूड उत्पादों को तैयार किया जाएगा. इसमें अलग-अलग देशों की मांग के अनुरूप उत्पादों का एक्सपोर्ट होगा।एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सीबी सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए उत्पाद बनाने के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस में फलों और सब्जियों को कई प्रक्रियाओं से गुज़रा जाता है, जिससे उनकी ताज़गी, स्वाद और अन्य गुण बरक़रार रहते है।उन्होंने बताया कि‍ इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है की इन उत्पादों में कीट और किसी भी तरह की बीमारी न पनप पाए।ख़ास तौर पर बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीट और हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजारा जाता है. इसके बाद ही लंगड़ा आम को विदेशों में एक्सपोर्ट किया जा सकता है।

पैक हाउस की क्षमता

यूपी सरकार का दावा है कि यह पैक हाउस पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।इसमें इसमें लंगड़ा आम सहित अन्य फलों के प्रसंस्करण के लिए लगाई गई वेपर हीट ट्रीटमेंट यूनिट की क्षमता 2500 किलोग्राम प्रति 4 घंटा है।इसी तरह हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रति घंटा 500 किलोग्राम फल एवंं सब्जियों का प्रसंस्करण करती है।इसके अलावा आम एवं अन्य फलों की प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग लाइन करने वाली मशीन की प्रति घंटा क्षमता 2 हजार किग्रा, वेजिटेबल प्रोसेसिंग लाइन की क्षमता प्रति घंटा 1 हजार किग्रा है।पैक हाउस के कोल्ड रूम की क्षमता 2 से 20 मीट्रिक टन, प्री कोल्ड रूम की क्षमता 2 से 15 मीट्रिक टन और राई पिनिंग रूम की क्षमता 1 से 10 मीट्रिक टन है।

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स्रोत: किसान तक