किसान परिवारों को सम्मान निधि का लाभ, जा रहा है सकारात्मक संदेश

October 09 2021

प्रदेश के लगभग 37.46 लाख किसान परिवारों में से 34.97 लाख परिवारों का किसान सम्मान निधि से जुड़ जाना सकारात्मक संदेश दे रहा है। प्रदेश के 80 फीसद किसान लघु या सीमांत किसान की श्रेणी में आते हैं। ऐसे परिवारों के लिए प्रत्येक वर्ष छह हजार रुपये की सरकारी सहायता काफी मायने रखती है। प्रदेश के वर्तमान आंकड़े के आधार पर कहा जा सकता है कि 90 फीसद से अधिक किसान परिवारों को सम्मान निधि योजना से जोड़ा जा चुका है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के नेतृत्व में इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की जानी चाहिए।

प्रदेश सरकार भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत निबंधित 22 लाख से अधिक किसानों को धान के लिए नौ हजार रुपये तथा अन्य फसलों के लिए 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से निविष्ट सहायता (इनपुट सबसिडी) दे रही है, जिससे किसानों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव नजर आ रहे हैं। तेलंगाना की रायथु बंधु योजना की सफलता और विशेषज्ञों द्वारा तारीफ के आधार पर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की फरवरी 2019 में पहल की थी। इसे कर्ज माफी की तुलना में किसानों की सहायता के लिए बेहतर विकल्प माना गया।

छत्तीसगढ़ में जून, 2019 तक सिर्फ 2.51 लाख किसानों को ही इस योजना का लाभ मिल सका था, जो दिसंबर, 2019 तक बढ़कर 16.95 लाख हो गया। मार्च, 2020 से कोरोना और लाकडाउन के बावजूद किसान परिवारों को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया का परिणाम है कि प्रदेश के 90 फीसद किसानों का निबंधन हो चुका है। उनका बैंक खाता लाभार्थियों की सूची में जुड़ चुका है तथा केंद्रीय योजना की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंच रही है। शुरुआती चरण में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार सहित अन्य राज्यों ने योजना का लाभ किसानों तक पहुंचाने में बढ़त बनाई थी, जबकि पश्चिम बंगाल ने नकारात्मक रुख अपनाते हुए किसानों तक योजना को पहुंचने ही नहीं दिया है।

लघु एवं सीमांत किसानों के लिए शुरू की गई इस योजना का खेती योग्य जमीन जोतने वाले सभी भूमि धारक किसानों को लाभ दिया जाना है। सिर्फ कृषि योग्य भूमि होने के बाद भी आयकर का भुगतान करने वाले, डाक्टर-इंजीनियर या वकील जैसे पेशेवर तथा संस्थागत भूमिधारकों से साथ-साथ 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले लोगों को इस योजना की परिधि से बाहर रखा गया है।

इस आधार पर माना जा सकता है कि प्रदेश के अधिकतर योग्य किसान परिवारों के नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सूची में दर्ज हो चुके हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकारी सतर्कता से अयोग्य लोगों को इस सूची में शामिल नहीं होने दिया जाएगा, ताकि जरूरतमंदों के हक पर आंच न आए।

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स्रोत: Nai Dunia