एक जिला एक उत्पाद की तर्ज़ पर शुरू किया जाएगा एक ब्लॉक एक उत्पाद कार्यक्रम

August 03 2023

किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारों का सृजन हो सके इसके लिए सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत कई योजनाएँ शुरू की गई हैं। जिसमें “एक जिला–एक उत्पाद” कार्यक्रम भी शामिल है। योजना के तहत सरकार द्वारा विभिन्न बागवानी एवं मसाला फसलों के लिए अलग–अलग जिलों का चयन किया गया है, जहां पर उनके प्रसंस्करण के लिए इकाई भी स्थापित की जा रही है। जिससे किसानों को फसल बेचने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में एक जिला एक उत्पाद की तर्ज़ एक ब्लॉक एक उत्पाद कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। यह बात राज्य के मुख्यमंत्री श्री सूर्य प्राताप शाही ने इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयोजित यूपी एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 के उद्घाटन अवसर पर कही।

खाद्य प्रसंस्करण नीति पर किया जा रहा है काम

प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्राताप शाही ने कहा की कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायी बनाने के लिए नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति पर कार्य किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र को समेकित रूप से विकसित करने के लिए जल तथा मृदा संरक्षण के साथ–साथ फल–फूल, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी तथा अन्य अनुषांगिक क्रियाओं को एकीकृत रूप से विकसित किया जायेगा। इसके लिए एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर प्रदेश स्तर पर एक ब्लॉक एक उत्पाद को प्रोत्साहित किया जायेगा। प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अच्छा बाजार मूल्य मिल सके, इसके लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा देकर एग्रो–प्रोसेसिंग के लिए किसानों को जागरूक किया जायेगा।

इस अवसर पर प्रदेश के उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा की कृषि क्षेत्र के लिए जो स्टार्टअप तकनीक का विकास कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि उनकी तकनीक किसानों द्वारा अपनायी जाने योग्य हो। साथ ही किसानों को गुणवत्तापरक उपज के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 के अवसर पर कृषि उत्पादन से जुड़े हुए विभिन्न समूहों द्वारा अपने उत्पादों तथा कार्यक्रमों पर आधारित प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसका अवलोकन कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही के साथ उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभाव) श्री दिनेश प्रताप सिंह तथा कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने किया ।

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स्रोत: किसान समाधान