उद्यानिकी आयुक्त संदेह के दायरे में

October 13 2021

मध्य प्रदेश का उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग अपने नित नए कारनामों के कारण हमेशा चर्चा में बना रहता है। पूर्व में भी कई फर्जी सब्सिडी के मामले उजागर होते रहे हैं और लीपापोती कर प्रकरण बंद कर दिए गए हैं। सरकार भी किसानों की आय दोगुना करने के लिए कृषि के साथ उद्यानिकी फसलों को बढ़ाने पर जोर देती रही है, परन्तु गंभीरता से कभी कार्यवाही नहीं की। हाल ही में प्याज, गिलकी, भिण्डी बीजों को लेकर तथा अश्वगंधा की खेती के लिए निरस्त किए गए पंजीयन का मामला प्रकाश में आया है जिससे उद्यानिकी आयुक्त सह संचालक श्री मनोज कुमार अग्रवाल संदेह के दायरे में आ गए हैं।

इस प्रकार उद्यानिकी आयुक्त ने लक्ष्य से अधिक अनुदान आहरण कर पद का दुरुपयोग किया है। किसान एकता मंच मंदसौर के प्रदेश अध्यक्ष श्री मुकेश पाटीदार की शिकायत पर इस मामले में संज्ञान लिया गया है। मुख्यमंत्री से आयुक्त को हटाने की मांग भी की गई है।

प्याज बीज मामले की परतें अभी पूरी तरह खुली भी नहीं है इस बीच एक अन्य मामले में गिलकी एवं भिण्डी बीज की अधिक कीमत पर खरीदी की तैयारी हो गई है। नए बजट के तहत उद्यानिकी विभाग को अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को बीज और कृषि उपकरण खरीद कर देना है। नाफेड ने 7 से 10 हजार रुपये किलो गिलकी बीज की दर तय की है जबकि एम.पी. एग्रो में अंतर्राष्ट्रीय कंपनी के गिल्की बीज की दरें 3 हजार रुपये किलो तय है इसके बावजूद उद्यानिकी विभाग नाफेड से बीज खरीदी की तैयारी में है।

वहीं केन्द्र एवं प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित कर रही हैं। औषधीय फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए रायसेन जिले का चयन उद्यानिकी मिशन के तहत किया गया है, जिसके तहत बरेली तहसील के किसानों ने अश्वगंधा की खेती के लिए पंजीयन कराया था। पंजीयन करने के बाद उस पंजीयन को अज्ञात कारणों से निरस्त कर दिया गया है। जिसके कारण क्षेत्र में अश्वगंधा की खेती करने वाले किसानों में निराशा छा गयी है। बरेली के कृषक श्री भगवानदास राठी ने बताया कि पंजीयन कराने, बीज बुलाने के बाद किन कारणों से पंजीयन निरस्त किया गया है, यह समझ से परे है। विभाग में कोई जानकारी देने को तैयार नहीं है। ज्ञातव्य है कि 25 जून 2019 को शासन द्वारा उद्यानिकी विभाग में आदान सामग्री क्रय करने के लिए एम.पी. एग्रो को अधिकृत किया गया है साथ ही विभाग ने विभागीय नर्सरी में उत्पादित गुणवत्ता युक्त प्रमाणित प्याज बीज की दर 1100 रुपये किलो तय की है। बहरहाल 2 करोड़ के प्याज बीज मामले में उद्यानिकी आयुक्त श्री अग्रवाल की जांच प्रारंभ हो गई है उन्हें हटाने की मांग के साथ-साथ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग भी की गई है।

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स्रोत: Krishak Jagat