आरएस पुरा में बनेगा देश का पहला बासमती अनुसंधान केंद्र, इस संस्थान से सीधा जुड़ेंगे दस हजार किसान

October 04 2021

देश का पहला बासमती अनुसंधान केंद्र जम्मू-कश्मीर में बनेगा। इसके लिए जम्मू जिले में आरएस पुरा के चकरोई में 800 कनाल भूमि चयनित कर ली गई है। इसको बनाने का खर्च 10 करोड़ रुपये आएगा। अनुसंधान केंद्र के तैयार होने के बाद विश्व प्रसिद्ध आरएस पुरा की बासमती को अलग पहचान मिलेगी। स्वाद और सुगंध को बढ़ाने, नई किस्में तैयार करने समेत बासमती से बनने वाले अन्य उत्पादों पर भी कई प्रयोग किए जाएंगे। यह देश का पहला ऐसा संस्थान होगा जहां सिर्फ बासमती पर ही अनुसंधान होगा।

शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय का अनुसंधान विभाग इस केंद्र को तैयार करेगा। अंतरराष्ट्रीय सीमा से दो किलोमीटर दूर आरएस पुरा के चकरोई में बनने वाले इस केंद्र के लिए प्रदेश सरकार ने जमीन देने की मंजूरी दे दी है। इसमें होने वाले खर्च का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसको भी मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। खेती-किसानी के लिए महत्वपूर्ण इस केंद्र से बासमती उगाने वाले 10 हजार किसानों को सीधे जोड़ा जाएगा। यहां से वह बासमती की अनेक किस्म का बीज और जानकारी ले सकेंगे। उन्हें बासमती की नई किस्म की फसल उगाने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी तौर पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

सेंटर की खास विशेषताएं

  • बासमती के विकास और स्थानीय फसल पर शोध होगा।
  • नई किस्मों को विकसित कर उनका परीक्षण किया जाएगा।
  • बीज उत्पादन कर प्रदेश के अन्य जिलों के कृषकों को भी जोड़ा जाएगा।
  • किसानों को बासमती की ट्रेनिंग देने के लिए सेंटर होगा।
  • बासमती उगाने की नई से नई तकनीक के बारे जानकारी दी जाएगी।

बासमती की सभी किस्मों का जीन बैंक बनेगा

केंद्र में एक जीन बैंक भी होगा। इसमें देशभर में होने वाली सभी प्रकार की बासमती का जीन तैयार रहेगा। हर एक बासमती को केंद्र में उगाया जाएगा और इसका बीज भी तैयार होगा।

जानवरों के तैयार होगी फीड

बासमती से तैयार होने वाले अलग-अलग उत्पादों पर भी अनुसंधान होगा। इसमें पापड़, डोसा, फूलबड़ी, आटा शामिल है। बासमती का बचने वाला चारा भी बेकार नहीं जाएगा। इससे जानवरों के लिए फीड तैयार होगी।

देश विदेश में बेचने का प्लेटफार्म

केंद्र में एक मार्केटिंग लिंक प्लेटफार्म होगा। इसके माध्यम से किसानों को देश और विदेश में बासमती बेचने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा।

60 हजार हेक्टेयर पर उगाई जाती है बासमती

प्रदेश में जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में 60 हजार हेक्टेेयर पर बासमती की फसल लगाई जाती है। हर साल इससे 18 लाख क्विंटल की पैदावार होती है। बासमती की 370, रणबीर, जम्मू-118, 123, 129, 138, 164 की किस्में उगाई जाती हैं।

जमीन मिली, अब प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए भेजेंगे

बासमती पर शोध करने वाला देश का यह पहला अनुसंधान केंद्र होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने जमीन देने की मंजूरी दे दी है। अब 10 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर सरकार को दो-तीन दिन में दे दिया जाएगा। यह सेंटर देश-विदेश में प्रसिद्ध आरएस पुरा क्षेत्र की बासमती को नई पहचान देगा- जेपी शर्मा, निदेशक, अनुसंधान विभाग, कृषि विवि जम्मू

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स्रोत: Amar Ujala