जिले में सोयाबीन की फसल में अफलन को लेकर किसान लगातार सर्वे और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। अब तक हुए सर्वे में मंदसौर, सीतामऊ और मल्हारगढ़ ब्लाक में कृषि विभाग को खेतों में अफलन की स्थिति दिखी है, जबकि भानपुरा और गरोठ क्षेत्र में अफलन की स्थिति की नहीं होने की बात अधिकारी कह रहे हैं। कृषि विभाग के उप संचालक का कहना है कि जिले में जून माह में जिन क्षेत्रों में बोवनी हुई थी, वहां पर अफलन की स्थिति प्रारंभिक आकलन में सामने आई है। अभी सर्वे लगातार चल रहा है। अफलन की स्थिति क्यों बनी? पानी की कमी कारण है या बीज खराब था, यह अधिकारी नहीं बता रहे हैं। सिर्फ यही कहा जा रहा है जून में 18 से 25 तारीख के बीच हुई बोवनी वाली फसलों में अफलन की स्थिति है।
जिले में कुल दो लाख 69 हजार 800 हेक्टेयर भूमि पर सोयाबीन की बोवनी हुई है। जून के पहले पखवाड़े में बारिश होने के बाद मंदसौर, सीतामऊ, मल्हारगढ़ ब्लाक में कई खेतों में बोवनी हो गई थी। इसके बाद बारिश की खेंच हुई और जब सोयाबीन में फूल आने की स्थिति थी तब बारिश हो रही थी, जिससे फूल गिर गए और फसले अफलन हो गई। इसको लेकर 15 दिनों से अलग-अलग गांवों से किसान शिकायतें कर रहे हैं, सर्वे की मांग कर रहे हैं। विभाग के सूत्र बताते है कि जिले में दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र की सोयाबीन में अफलन की स्थिति है। वहीं कृषि विभाग के उप संचालक का कहना है कि अभी प्रारंभिक आकलन किया गया है, जिसमें अफलन की स्थिति मिली है। अभी सर्वे चल रहा है। इस साल बीज को लेकर भी फसलों में अफलन की स्थिति की आशंका जताई जा रही है, लेकिन अधिकारी यह नहीं बता रहे हैं। न ही पानी की कमी कारण बताया जा रहा है। अब तक यही कहा जा रहा है कि बोवनी जितनी बारिश नहीं होने के बावजूद बोवनी की गई थी इसके कारण अफलन की स्थिति है।
अभी लगातार सर्वे किया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे में मंदसौर, मल्हारगढ़ और सीतामऊ ब्लाक में अफलन की स्थिति दिखी है। भानपुरा व गरोठ ब्लाक में अफलन नहीं है। जिन खेतों में जून माह में बोवनी हुई थी उनमें अफलन की स्थिति दिख रही है। लेकिन कई खेतों में फसलों में पुनः फूल भी आ रहे हैं।
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स्रोत: Nai Dunia