2022 में सुधारी जाएगी एक लाख एकड़ भूमि की उर्वरता, केंद्रीयकृत पानी निगरानी प्रणाली तैयार कर रहा जल संसाधन प्राधिकरण

October 07 2021

हरियाणा में 2022 में एक लाख एकड़ भूमि की उर्वरता में सुधार किया जाएगा। इसके लिए प्रथम चरण का भूमि संबंधित सर्वे 4 जिलों में पूरा कर लिया गया है। नूहं, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा जिलों में दूसरे चरण का सर्वे जल्द शुरू होगा।

जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने बुधवार को यहां बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर विभिन्न जिलों में गिरते जलस्तर व जलभराव की समस्या पर कार्य कर रहे हैं। केंद्रीयकृत पानी निगरानी प्रणाली तैयार की जा रही है। योजना से राज्य के किसानों को उनकी फसलों में विविधिता का लाभ मिलेगा। वर्ष भर में एक से अधिक फसलों की उपज संभव हो सकेगी। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि भूमि उर्वरता में भी सुधार होगा।

राज्य के 14 जिलों में भूजल स्तर गिर रहा है और 9 जिले जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। इसमें प्रतिवर्ष 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस समस्या के निदान के लिए सिंचाई, कृषि, बागवानी, वन, मत्स्य विभाग सहित कुल 7 विभागों को उचित योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सोनीपत, रोहतक, झज्जर व चरखी दादरी में भू-सर्वे किया है, जिसमें 180424 एकड़ भूमि लवणीय या जल भराव की समस्या से ग्रस्त है। 

सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों को संयुक्त रूप से सर्वे के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी सर्वेयर के साथ किसानों को जागरूक करने का कार्य करें। कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि जल्द 5 जिलों में सर्वे का कार्य शुरू किया जा रहा है। पहले चरण में 415 गांवों में सर्वे किया है।

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स्रोत: Amar Ujala