ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय के सिहोर केंद्र ने तैयार की मसूर की पांचवी वैरायटी, दस फीसद बढ़ेगी उपज

February 05 2022

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सिहोर केंद्र में मसूर की पांचवी वैरायटी आरबीएल15-1 तैयार की गई। पंजीयन के लिए जिसका प्रस्ताव राज्य बीज समिति को भेजा जा चुका है। अगले दाे साल में यह बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। सिहोर केंद्र के वैज्ञानिक डा लेखराज ने बताया कि मसूर की इससे पहले चार वैरायटी आ चुकी हैं। जिन्हें किसान अपने खेतों में उगा रहा है। लेकिन किसान की आय को बढ़ाने के लिए नई वैरायटी तैयार की गई, इसमें करीब दस साल का वक्त लगा।

इस वैरायटी की खासियत यह है कि इसका दाना पुरानी वैरायटी के दाने से अधिक बड़ा है और इसमें प्रोटीन भी अधिक है। पिछली वैरायटी में 25 फीसद प्रोटीन पाया जाता है, जबकि आरबीएल15-1 में 29 फीसद प्रोटीन पाया जा रहा है। इसके अलावा कार्बोहाड्रेड में भी इजाफा हुआ है। इसकी पुरानी फसल से दस फीसद उपज अधिक होगी। जिससे किसानों को लाभ होगा। एक हेक्टेयर में 15 क्विंटल मसूर की पैदावार होगी। जबकि अन्य वैरायटी जैसे आरबीएल 31, 11-6, 13-5 और आरबीएल 13-7 की पैदावार प्रति हेक्टेयर 10 से 15 क्विंटल थी। मसूर की वैरायटी का बीज जल्द ही किसानों को उपलब्ध होगा, जो किसानों की आय को दो गुना करेगा। साथ ही दाल में मिलने वाला प्रोटीन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि मसूर की नई वैरायटी स्वास्थ्यवर्धक साबित होगी। क्योंकि प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड की मात्रा में इजाफा हुआ है, जो शरीर में प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेड की कमी को पूरा करेगी।

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स्रोत: Nai Dunia