जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचालनालय अनुसंधान सेवाएं के मंथन सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां कृषि आधारित उद्योग विषय पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन ने कहा कि महाकोशल में कृषि अधारित उद्योग की विपुल संभावनाएं हैं। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। इन्हें अपनाकर बेहतर रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। कृषि विज्ञानी डॉ. आरएस शुक्ला ने जेएनकेविवि द्वारा विकसित गेहूं की उन्नत प्रजातियों की जानकारी दी। संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. जीके कौतू ने बताया कि दुनिया भर में विश्व विद्यालय द्वारा विकसित प्रजातियों बोई जाती हैं। देश में भी यह प्रयास किया जा रहा है। जितने अधिक उन्नत बीज होंगे उतना ही अधिक फसलों का उत्पादन बेहतर होगा। यदि हम कृषि आधारित उद्योग की बात करते हैं तब यह आवश्यक हो जाता है उन्नत बीजों के उपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जाए। जिससे उत्पादन में लाभ हो।
कार्यशाला में पीतांबरा इंडस्ट्री थाणे महाराष्ट्र निदेशक संतोष पालकर व सदस्य संजय देशमुख व नरेश शिंदे ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं की कम वर्षा में पकने वाली चमकदार और नरम रोटी वाली शरबती प्रजाति जेडब्ल्यू 3382 व 3288 में विशेष रुचि दिखाई। साथ ही एक एमओयू का प्रस्ताव भी रखा। पीतांबरा इंडस्ट्री भारत सहित 22 देशों के पांच लाख रिटेल स्टोर में अपने उत्पाद निर्यात करती है। कुलपति डॉ. बिसेन ने उन्हें भरपूर तकनीकी सहयोग करने का वाद किया। इस दौरान पूर्व संचालन डॉत्र पीके मिरज्ञ, संचालक प्रक्षेत्र डॉ. डीके पहलवान, विभागाध्यक्ष खाद्य विज्ञान विभाग, डॉ. शिवशंकर शुक्ला, आइपीआरओ डॉ. मुमताज अहमद खान, डॉ. मोनी थामस, डॉ. अनय रावत, डाॅ. संजय सिंह, डॉ.राजेंद्र सिंह ठाकुर व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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स्रोत: Nai Dunia