निजी नौकरी छोड़ शुरू किया मधुमक्खी पालन, अब सालाना 40 लाख रुपये कमाते हैं फतेहाबाद के सुरेश

August 31 2021

फतेहाबाद की लगभग 60 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। समय के अनुसार कृषि को ही व्यवसाय में तब्दील किया जा सकता है। मछली पालन, खुंभ उत्पादन, नर्सरी, औषधीय खेती, मधुमक्खी पालन, गुड़ उत्पादन ऐसे व्यवसाय हैं, जो खेती से जुड़े हुए हैं। इन छोटे-छोटे व्यवसायों को अपना कर किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। जिले में करीब तीन सौ किसानों ने ऐसे ही छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू कर रखे हैं। उन्हीं में से एक किसान सुरेश जागलान भी हैं। आज उनकी पहचान किसान नहीं, बल्कि एक व्यवसायी के रूप में होती है। उनका शहद का कारोबार है। लगभग 40 लाख रुपये का सालाना टर्नओवर है। कई नामी कंपनियां सुरेश द्वारा उत्पादित शहद खरीद रही हैं।

गांव जांडली कलां के किसान सुरेश जागलान की बिजनेस प्लानिंग अन्य किसानों के लिए प्रेरणादायी है। महज पांच साल में अपनी मेहनत से वे लाखों रुपये का कारोबार खड़ा कर चुके हैं। एकता हनी के नाम से उनका ब्रांड मशहूर है। बीटेक पास सुरेश जागलान दस साल पहले गुरुग्राम में प्राइवेट जॉब करते थे। वहां की भागदौड़ व शहरी लाइफस्टाइल उन्हें रास नहीं आए। वह जॉब छोड़ कर गांव आ गए और खेती शुरू कर दी। उन्होंने तय किया था कि खेती को ही व्यवसाय बनाना है। उन्हें पता चला कि मधुमक्खी पालन में खर्चा कम है और आमदनी अच्छी है। उसके लिए ज्यादा जगह की जरूरत भी नहीं पड़ती।

खेत में ही रख दिए बॉक्स

जांडली कलां में उनके पास आठ एकड़ जमीन है। उन्होंने खेत के पास ही बॉक्स रखकर मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया। इस कारोबार में थोड़ी सी राशि खर्च करनी पड़ी थी। उन्होंने शहद तैयार कर ग्राहकों को सीधे तौर पर बेचना शुरू किया। शहद की बिक्री बढ़ती गई। उन्होंने अपना कारोबार भी फैला लिया। इसके बाद उन्होंने अपने शहद को एकता हनी ब्रांड के नाम से पंजीकरण करवा लेबल लगाकर शहद बेचना शुरू किया तो उनकी पहचान एक कारोबारी के तौर पर बनने लगी। सुरेश जागलान बताते हैं कि आज उनका सालाना का कारोबार चालीस लाख रुपये का है।

कई लोगों को दिया रोजगार

सुरेश जागलान के नेतृत्व में किसान संगठन बना हुआ है, जिसमें 150 किसान शामिल हैं। ये किसान मिलकर शहद उत्पादन कर रहे हैं। सुरेश जागलान ने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए खुद की जगह होना जरूरी नहीं है। सड़कों व नहरों के किनारे पड़ी खाली जगह पर बॉक्स रखे जाते हैं, जिनमें मधुमक्खी पालन होता है। उनके कारोबार से जुड़े करीब 300 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कई लोग उनसे शहद खरीदकर आगे रिटेल में बेचते हैं।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Amar Ujala