मध्य प्रदेश में 24 लाख 84 हजार किसानों का कर्ज माफ

March 27 2019

  सस्ती बिजली कर्जा माफ, पिछड़ों से किया इंसाफ म.प्र. कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में इन्हीं नारों के साथ जनता के बीच जायेगी। 3 माह पूर्व गठित सरकार ने सबसे पहला निर्णय किसानों की कर्ज माफी का लिया था। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने शपथ ग्रहण के तुरन्त बाद कर्जमाफी की फाईल पर हस्ताक्षर किये थे। सरकार गठन के एक माह से कम अवधि में ऋणी किसानों के आवेदन पत्र लेने का काम प्रारंभ हुआ और लगभग 50 लाख से अधिक किसानों के आवेदन पत्र ऑनलाईन किए गए तथा बैंक शाखा में सत्यापन कराकर अब तक 24 लाख 84 हजार किसानों को 2 लाख रुपए तक के उनके कर्ज से मुक्ति दिला दी। कृषि मंत्री श्री सचिन यादव ने पत्रकार वार्ता में बताया प्रदेश में 25 मार्च से प्रारंभ हो रही गेहूं के उपार्जन के लिए 160 रु. प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि के साथ गेहूं 2000 रु. प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य से खरीदा जायेगा। भावांतर योजना में मक्का के लिए 250 रु. प्रोत्साहन राशि एवं रबी सीजन में उत्पादित प्याज 800 रु. प्रति क्विंटल रहेगी। सरकार ने इस वर्ष 21.18 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी की है जो पिछले वर्ष 15.59 लाख मैट्रिक टन खरीदी गई थी। म.प्र. के किसानों को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार ने 10 हार्स पावर तक के पम्प वाले किसानों को बिजली दरें आधी रहेंगी। मात्र 44 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली प्रदाय करेंगे। इस योजना का म.प्र. में 19 लाख किसानों को फायदा होगा। कृषि मंत्री श्री सचिन यादव ने कहा कि किसानों को फसलों के सही दाम मिल सकें इस दिशा में सरकार और बड़े कदम उठायेगी।

खेतिहर मजदूर के लिए सही समाधान श्री राहुल गांधी ने घोषित किया है। श्री यादव ने बताया कि मोदी सरकार ने भावांतर भुगतान योजना के 1 हजार 17 करोड़ रुपए म.प्र. के हक के अब तक नहीं दिए हैं। खरीफ 2017 के 576 करोड़ खरीफ 2018 सोयाबीन के 321 करोड़ और अतिरिक्त सोयाबीन के 6 लाख मैट्रिक टन के 120 करोड़ भी नहीं दिये। प्रतिकूल हालातों के बावजूद कमलनाथ सरकार किसानों के हक में दृढ़ता से कदम उठा रही है। पत्रकारवार्ता में कांग्रेस मीडिया प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा उपस्थित थीं।

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स्रोत: Krishak Jagat