जून-सितंबर में सामान्य से कम मानसून रहने की उम्मीद, 93% बारिश का अनुमान- स्काईमेट

April 03 2019

मौसम की जानकारी देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट (Skymet) ने मानसून का अनुमान जारी किया है. स्काईमेट ने कहा कि जून-सितंबर में मानसून सामान्य से कम रहने की उम्मीद है. स्काईमेट ने इस साल 93% बारिश का अनुमान जताया. एजेंसी ने बताया कि लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के मुकाबले मानसून के 93 फीसदी रहने का अनुमान है. स्काईमेट ने कहा है कि अल नीनो की वजह से मानसून सामान्य से नीचे रह सकता है. वहीं, सामान्य से भी कम बारिश की संभावना 55 फीसदी है.

बारिश का अनुमान

  • जून-सितंबर में सामान्य से कम बारिश का अनुमान
  • मई-जुलाई में 66% अलनीनो की संभावना
  •  जून-सितंबर में 93% बारिश का अनुमान
  • जुलाई में 55% सामान्य से कम बारिश की संभावना
  • जून में 75% सामान्य से कम बारिश की संभावना

एजेंसी के मुताबिक, 2019 में मानसून एलपीए का 93 फीसद (+-5%) रहेगा, जो जून से सितंबर के बीच सामान्य से कम बारिश होगी. हमें लगता है कि सूखा पड़ने की संभावना 15 फीसद है, जबकि अत्यधिक बारिश की कोई संभावना नहीं है.

क्या है अच्छा मानसून

सामान्य, औसत या फिर अच्छे मानसून का मतलब है कि 50 साल की लंबी अवधि के औसत का लगभग 96 फीसदी से 104 फीसदी बारिश का होना. 50 साल में औसत बारिश चार महीनों के मानसून के दौरान 89 सेंटीमीटर अथवा 35 इंच बारिश है. अच्छे मानसून की यह परिभाषा मौसम विभाग द्वारा दी गई है. वहीं 90 फीसदी से कम बारिश देश में सूखे की स्थिति रहती है.

इकोनॉमी पर मानसून का असर

सामान्य मानसून का सीधा असर ग्रामीण आबादी पर पड़ता है. मानसून सामान्य और अच्छा रहने से ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय बढ़ती है, जिससे मांग में भी तेजी आती है. ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ने से इंडस्ट्री को भी फायदा मिलता है.

बैंकिंग को मिलेगी मजबूती

अच्छे मानसून से देश में बैंकिंग व्यवस्था को मजबूती मिलती है. देश में ज्यादातर किसान खरीफ फसल के लिए कर्ज की व्यवस्था सरकारी, को-ऑपरेटिव अथवा ग्रामीण बैंकों से करते हैं. मानसून बेहतर होने की स्थिति में इन बैंकों को कर्ज पर दिया पैसा वापस मिलने की गारंटी हो जाती है और उन्हें अपने एनपीए को काबू करने में मदद मिलती है. वहीं किसानों की बढ़ी आमदनी से भी बैंकों को अपनी ग्रामीण शाखाओं के खाते में अच्छी सेविंग्स मिलती है जिससे गैर-कृषि क्षेत्र को नया कर्ज देने का काम आसान हो जाता है.

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स्रोत: NEWS 18