सख्ती के बाद मुआवजा वितरण में आई तेजी

March 18 2020

जिलाधिकारी के सख्त रुख के बाद खरीफ की बर्बाद हुई फसल के मुआवजा वितरण में तेजी आ गई है। खासतौर पर सदर तहसील ने रफ्तार पकड़ ली है। एक ही दिन में मुआवजा वितरण की प्रगति दोगुनी हो गई है। हालांकि, तीन तहसीलें अब भी जिले के औसत से पीछे चल रही हैं।

खरीफ सीजन में हुई बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ था। जिले में ढाई लाख से अधिक किसानों की फसल प्रभावित हुई थी। प्रशासन ने सरकार से एक अरब सत्तर करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था। सरकार की ओर से अभी मुआवजे की 43 करोड़ रुपये की पहली किस्त उपलब्ध कराई गई है, जिसका वितरण शुरू हुए लगभग एक पखवाड़ा गुजर चुका है। बावजूद, ज्यादातर किसान इससे वंचित बने हुए हैं। स्थिति ये है कि रविवार तक सिर्फ 26 प्रतिशत मुआवजा राशि ही बांटी जा सकी थी। मऊरानीपुर तहसील ने महज 12.16 प्रतिशत व झांसी सदर तहसील ने 12.34 फीसदी मुआवजा राशि ही बांटी थी। टहरौली में भी 16 फीसदी राशि बांटी जा सकी थी। जबकि, 31 मार्च तक वितरण न होने पर मुआवजा राशि वापस भेजनी पड़ जाएगी।

इस स्थिति पर जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने जल्द से जल्द किसानों को शत प्रतिशत भुगतान करने के निर्देश दिए। इसका असर भी नजर आने लगा है। एक ही दिन में मुआवजा राशि का वितरण 11.21 करोड़ से बढ़कर 13.64 करोड़ पर पहुंच गया है। सदर तहसील का ग्राफ 12.34 प्रतिशत से बढ़कर 24.49 फीसदी पर पहुंच गया है। इसके अलावा मऊरानीपुर में 14.39 और टहरौली में 25.80 प्रतिशत किसानों को मुआवजा बांटा जा चुका है। हालांकि, ये तीनों तहसीलें जिले के औसत 31.47 प्रतिशत से अब भी पीछे बनी हुई है। सबसे बेहतर स्थिति मेें मोंठ व गरौठा तहसील हैं। मोंठ में 84.28 और गरौठा तहसील में 34.28 प्रतिशत किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है।


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स्रोत: अमर उजाला