आजादी के 75 वर्षों में भारत की प्रगति एवं उपलब्धियों को उत्सव के रूप में सबके सामने लाने के लिए केन्द्र सरकार के सभी विभागों में ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ के अंतर्गत विभिन्न आयोजन किये जा रहे है। इसी श्रृखंला में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संचालित मृदा परिक्षण एवं फसल अनुक्रिया सहसंबंध पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना द्वारा कृषकों एवं कृषि वैज्ञानिकों के मध्य ई-गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में प्रदेश के कवर्धा, अंबिकापुर एवं कोण्डागांव के कृषकों और वैज्ञानिकों के मध्य मृदा स्वास्थ एवं मृदा परीक्षण आधारित उर्वरक प्रबंधन विषय पर चर्चा हुई।
ई-गोष्ठी में वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ राकेश बनवासी, वैज्ञानिक तथा डॉ रविन्द्र कुमार तिग्गा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र, अंबिकापुर, डॉ. बी.पी. त्रिपाठी वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र कवर्धा, तथां डॉ. ओमप्रकाश, प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र कोण्डागांव अपने सहयोगी वैज्ञानिकों के साथ गोष्ठी में शामिल हुए। परिचर्चा में कोण्डागांव से लगभग 30, अंबिकापुर से 21 तथा कवर्धा से 10 किसान सम्मिलित हुये। परिचर्चा में उपस्थित विभिन्न जिलों के कृषकों द्वारा मृदा स्वास्थ एवं उर्वरक प्रबंधन पर वैज्ञानिकों के साथ चर्चा की गई। कृषकों एवं वैज्ञानिकों के मध्य इस परिचर्चा का संचालन डॉ राकेश बनवासी, वैज्ञानिक, मृदा विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: Krishakjagat