इस साल खरीफ का सीजन किसानों के काफी मुसीबत भरा रहा है और पहले मानसून की बेरुखी से खेती का रकबा घटा, जबकि बाद में भारी बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा। ऐसे में किसानों के सामने खाद-बीज का संकट न आने पाए इसके लिए सरकार अभी से तैयारियां कर रही है और बैंकों को आसानी से कर्ज मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
मोदी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए चौतरफा कोशिशें कर रही है। फसलों की एमएसपी बढ़ाने के साथ किसान सम्मान निधि योजना और किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये काफी मदद मिल रही है। इस साल मौसम की मार से भी किसान बेहाल हैं। ऐसे में उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए सरकार फिर आगे आई है।
पिछले दिनों सरकारी बैंकों के सीईओ के साथ हुई बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसान केडिट कार्ड धारक किसी भी व्यक्ति को अगर आर्थिक मदद की जरूरत है तो उसे तत्काल कर्ज मुहैया कराया जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्रीय बैंकों को भी इसमें बड़ी भूमिका निभाने के लिए कहा और अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए तकनीक की मदद लेने का सुझाव भी दिया।
इन किसानों को भी मिलेगा केसीसी
बैठक में शामिल वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने बताया कि किसानों को खाद-बीज आदि के लिए आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े, इसलिए केसीसी को लाया गया है। बैंकों से किसानों को आसानी से और जल्दी कर्ज मुहैया कराने को कहा गया है। बैठक में मछली पालन और डेयरी उद्योग से जुड़े किसानों को भी केसीसी जारी करने पर चर्चा की गई। क्षेत्रीय और ग्रामीण बैंकों को भी किसानों को आसानी से एग्रीकल्चर लोन देने का निर्देश दिया गया है।
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स्रोत: news18