यूपी में एक साल में 46 फ़ीसदी तक बढ़ गया मछली का उत्पादन

August 29 2023

उत्तर प्रदेश का सिद्धार्थ नगर जनपद की पहचान अब तक काला नमक चावल के उत्पादन से होती थी लेकिन अब मछली पालन के क्षेत्र में भी  जनपद ने अलग पहचान बना चुका है। वहीं अब सिद्धार्थ नगर जिले की पहचान मछली पालन के सबसे बड़े उत्पादक  के रूप में भी बन चूकी है। सिद्धार्थनगर जनपद एक तराई जिला है जहां बारिश के दिनों में पूरा क्षेत्र बाढ़ प्रभावित हो जाता है ऐसे में यहां के लोगों ने आपदा को ही अवसर में बदल दिया है। जिले की नदियों और नहरों में मत्स्य पालन के पट्टे के लिए इन दोनों ठेकेदारों की होड़ मची है। जनपद के गड्ढे नुमा और निचले क्षेत्र की जमीनों पर बड़े पैमाने पर तलाब बनकर लोग मछली पालन कर रहे हैं. पिछले 1 साल में जिले में निजी तालाब किसी संख्या में 54% की वृद्धि हुई है। वही जनपद से मछली उत्पादन भी 46 फ़ीसदी तक बढ़ गया है। सिद्धार्थ नगर जनपद का मछली उत्पादन 56953 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है जो प्रदेश में सर्वाधिक है। सिद्धार्थ नगर जनपद को मछली उत्पादन के क्षेत्र में खास पहचान मिल चुकी है। जिले के युवा भी अब मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपना करियर बना रहे है। मछली पालन से जिले में रोजगार के अवसर भी तेजी बढ़ रहे हैं। 

मछली पालन से किसानों की चमकी किस्मत 

उत्तर प्रदेश का सिद्धार्थ नगर जनपद मछली पालन के क्षेत्र में विशेष पहचान  बना रहा है यहां की प्रमुख नदियों में राप्ती, बूढ़ी राप्ति, वाण गंगा, कूड़ा प्रमुख है जहां से 115 किलोमीटर लंबी नहरे भी निकली है जिले में बड़ी संख्या में ग्राम सभा के तालाबों का पट्टा हासिल करने के लिए होड़ मची हुई है। कोरोना महामारी के बाद जनपद में मछली व्यवसाय के क्षेत्र में खासी तेजी आई है। लोगों ने अपनी जमीन पर तालाब खुदवा कर मछली पालन का काम शुरू किया है जिससे उनकी आमदनी में भी इजाफा हुआ है।

मछली उत्पादन के क्षेत्र में सबसे आगे है ये जनपद

उत्तर प्रदेश में मछली उत्पादन के क्षेत्र में सिद्धार्थनगर सबसे आगे पहुंच चुका है। प्रदेश के कुल मछली उत्पादन में अकेले 30 फ़ीसदी सिद्धार्थ नगर जनपद  का योगदान है। मत्स्य पालन विभाग के निदेशक प्रशांत शर्मा ने बताया अकरहरा क्षेत्र में मछली पालन की स्थिति जानी जाती थी। भारत-नेपाल बॉर्डर पर 50 करोड रुपए से मछली मंडी भी बनाई जानी है जिसमें रेफ्रिजरेटर की सुविधा होगी. यहां प्रोसेसिंग यूनिट बनने के बाद मछली का निर्यात भी होगा। फिलहाल जिले की मछली गोरखपुर, बस्ती मंडल सहित 200  किलोमीटर की दायरे में पहुंच रही है। जनपद में निजी तालाब की वार्षिक वृद्धि दर 54% तक है जबकि मछली उत्पादन के क्षेत्र में जनपद में 46% की वृद्धि हुई है।

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स्रोत: किसान तक