कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनके सामान्य कार्य भी उन्हें आम आदमी से अलग खड़ा कर देते हैं। इंदौर के पास खंडवा रोड स्थित ग्राम मोरुद के 82 वर्षीय किसान श्री हाजी अब्दुल रहीम भी ऐसे ही व्यक्ति हैं, जिन्होंने विगत 20 वर्षों से अपने खेत में नरवाई नहीं जलाई है। वे किसानों के लिए प्रेरक बन गए हैं।
श्री रहीम ने कहा कि नरवाई को रोटावेटर से जमीन में मिला देने से मित्र कीट नहीं मरते जो अगली फसल के लिए लाभदायक होते हैं। इसका खाद बहुत उपयोगी होता है। नरवाई के भूसे से पानी भी अवशोषित होता है, साथ ही जमीन की उर्वराशक्ति बनी रहती है। जबकि नरवाई जलाने से पर्यावरण तो प्रभावित होता ही है, जमीन को भी नुकसान पहुँचता है। उन्होंने कहा कि वे आसपास और मिलने वाले किसानों से नरवाई नहीं जलाने का आग्रह करते हैं, लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुनता। प्रशासन भी नरवाई नहीं जलाने की अपील करता है। लेकिन सख्ती नहीं होने से हालात नहीं बदले हैं। आपने सुझाव दिया कि सरकार को नरवाई जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए इसके लिए अलग से कानून बनाना चाहिए तभी यह सिलसिला रुकेगा।
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स्रोत: कृषक जगत