बिहार में विदेशी सब्जी की खेती करने वाले किसानों को बीज पर मिलेगा 90 फीसदी अनुदान

April 29 2020

बिहार सरकार (Government of Bihar) ने विदेशी नस्ल की सब्जी को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 90 फीसदी अनुदान (Subsidy) देने की घोषणा की है. राज्य के कृषि, पशुपालन सह मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार (Agriculture and Animal and Fishery Resources Minister Dr. Prem Kumar) ने न्यूज 18 को बताया कि सरकार विदेशी एवं उन्नत सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की सहायता योजना चला रही है. इसके तहत पौधे और बीज पर 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. विदेशी सब्जी के एक पौध की कीमत 10 रुपया है, जिसे कृषि विभाग 1 रुपए में उपलब्ध करवा रहा है और संकर सब्जी के पौध की कीमत 3 रुपया है, जिसे विभाग 30 पैसे में किसानों का उपलब्ध करवा रहा है.

ऐसे करें आवेदन

यह योजना उद्यान विभाग द्वारा संचालित की जा रही है और इसका लाभ लेने के लिए किसान उद्यान विभाग की वेबसाइट www.horticulture.bihar.gov.in पर जाकर एकीकृत बागवानी विकास योजना के लिंक से ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों से एलपीसी अथवा अद्यतन जमीन रसीद की अनिवार्यता नहीं होगी. ऐसे गैर-रैयत किसान जो पट्टे पर खेती करते हैं उनके द्वारा योजना का लाभ बगल के किसान से पहचान पत्र लेकर लिया जा सकता है. किसानों को आवेदन करते समय पहचान पत्र, एलपीसी अथवा रसीद या पट्टे पर खेती करने वाले किसान की पहचान एवं बैंक पासबुक की छायाप्रति अपलोड करनी पड़ती है.

विदेशी सब्जी की बोधगया समेत मगध में विशेष डिमांड

अन्तरराष्ट्रीय स्थल होने की वजह से बोधगया, राजगीर, नालंदा और आसपास के इलाकों में विदेशी पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा होती है और ये लोग विदेशी सब्जी की डिमांड ज्यादा करते है. इस संबंध में मगध प्रमंडल के उद्यान विभाग के उपनिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि किसानों द्वारा इन सब्जी के पौध और बीज ऑनलाईन खरीदे जा रहे हैं. इसके लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स देशरी एवं चण्डी में उच्च गुणवत्ता की विदेशी सब्जी के पौध एवं संकर प्रभेद के सब्जी के पौध तैयार किए जा रहे हैं. विदेशी सब्जी के लिए गया में 8,000 पौध एवं औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा एवं अरवल जिला के लिए 4-4 हजार का लक्ष्य निर्धारित है अर्थात इस प्रमण्डल में कुल 24,000 पौध वितरित किए जाएंगे. संकर प्रभेद के बीजरहित खीरा, बैगन एवं कुकुरबिट्स के पौध के वितरण के लिए गया को 1.6 लाख जबकि औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद एवं अरवल जिला के लिए 80-80 हजार पौध का लक्ष्य निर्धारित है. इस प्रकार प्रमण्डल में कुल 4.80 हजार संकर सब्जियों के पौधे वितरित किए जा रहे हैं.

इनपुट अनुदान के लिए छूटे हुए किसान 4 मई से कर सकेंगे आवेदन

इस साल से फरवरी-मार्च माह में असामयिक वर्षा, आंधी एवं ओलावृष्टि के कारण रबी फसलों में हुई क्षति के लिए कृषि विभाग इनपुट अनुदान दे रही है. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन देने का समय 18 अप्रैल को खत्म हो गया. कोरोनाबंदी की वजह से कई किसान अपना आवेदन नहीं कर पाए. इन छूटे हुए किसानों के लिए 4 मई से ऑनलाइन आवेदन दुबारा शुरू किया जाएगा. इसकी घोषणा करते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि फरवरी माह के इनपुट अनुदान के लिए 11 जिले के 159 प्रखंडों में फसल क्षति का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था, जिसके आलोक में कुल 12 लाख 14 हजार 888 किसानों ने आवेदन दिया है. सभी आवेदन पत्रों की जांच की जा रही है. अभी तक 8 लाख 72 हजार 223 आवेदनों की जांच कृषि समन्वयक द्वारा कर ली गई है. किसानों के खाते में राशि भेजना प्रारम्भ कर दिया गया है. अभी तक 54 हजार 174 किसानों के खाते में राशि भेजी जा चुकी है.

क्षतिपूर्ति अनुदान के लिए भी आवेदन 4 मई से

इसी तरह मार्च माह में राज्य के 23 जिलों से क्षति का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था जिसके आलोक में 13 लाख 20 हजार 558 किसानों ने आवेदन दिया है. इसकी भी जांच की जा रही है. कोरोनाबंदी एवं अन्य वजहों से कुछ किसान आवेदन नहीं कर पाए हैं अथवा कुछ त्रुटि के कारण उनका आवेदन अस्वीकृत हो गया है. वैसे सभी किसानों के लिए 04 मई से पुनः आवेदन लिया जाएगा. अप्रैल माह में भी कुछ जिलों में वर्षा आंधी तूफान/ओलावृष्टि से क्षति की सूचना मिली है इसके लिए भी क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाएगा. विभाग द्वारा क्षति का आकलन कराया जा रहा है. इसके लिए भी 04 मई से आवेदन शुरू हो जायेगा.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी