महाराष्ट्र के फाइव स्टार होटलों में बिकेगा शिमला का आर्गेनिक सेब

July 07 2021

महाराष्ट्र के लोग शिमला के आर्गेनिक सेब का स्वाद चखेंगे। शिमला के नारकंडा के हथिया के बागवान का आर्गेनिक सेब 1621 रुपये प्रति पेटी (20 किलो) बिका है। नारकंडा की कोहिनूर एप्पल फर्म ने 81 पेटी सेब बागवान के बागीचे में जाकर खरीदा है। इस सेब को अब महाराष्ट्र भेजने की तैयारी है। यह सेब फाइव स्टार होटलों में जाएगा। बागवान तिलक राज वर्मा का कहना है कि पिछले तीन साल से वह प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और बिना कीटनाशक और खाद का इस्तेमाल किए सेब पैदा कर रहे हैं। हर साल बागीचे में उनकी उपज बढ़ रही है और रसायनिक खेती के मुकाबले लागत बेहद कम है। साल 2018 में उन्होंने सोलन के नौणी विश्वविद्यालय से प्राकृतिक खेती के गुर सीखे थे। 20 पौधों से शुरूआत कर अब 12 बीघा भूमि पर रसायनमुक्त खेती और बागवानी कर रहे हैं। तिलकराज वर्मा का कहना है कि अपने बागीचे में रासायनिक खादों की जगह केंचुआ खाद, पौधों के विकास के लिए नाइट्रोजन की जगह जीवामृत और सेब का आकार बढ़ाने और चमक के लिए सप्तधान्य अंकुर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

नारकंडा की कोहिनूर एप्पल फर्म के संचालक गोविंद कश्यप ने बताया कि बीते चार सालों से वह शिमला और किन्नौर जिले में आर्गेनिक सेब की खरीद कर रहे हैं। किन्नौर के आसरंग में भी बागवान बड़े पैमाने पर आर्गेनिक सेब पैदा कर रहे हैं।

महानगरों में इसकी बहुत डिमांड है। फाइव स्टार होटलों में सेब बिकता है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग आर्गेनिक सेब को हाथों हाथ खरीदते हैं। नारकंडा के बागवान से उन्होंने बागीचे में ही 81 पेटी सेब 1621 रुपये प्रति पेटी के दाम पर खरीदा है।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आर्गेनिक सेब बेहद लाभदायक माना जाता है। फाइबर और विटामिन से भरपूर आर्गेनिक सेब की शेल्फ लाइफ सामान्य केमिकल से उगाए सेब की तुलना में अधिक होती है।

लंबे समय तक यह खराब नहीं होता और इसमें ताजगी बनी रहती है। आर्गेनिक सेब खाने से कैंसर, हाइपरटेंशन, मधुमेह और दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। सामान्य सेब के मुकाबले आर्गेनिक सेब अधिक स्वादिष्ट होता है।

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स्रोत: Amar Ujala