हिमाचल में सेब के वाजिब दाम दिलाने में मंडियां फेल, बागवानों ने रोका तुड़ान

August 25 2021

हिमाचल प्रदेश की मंडियों में सेब के वाजिब दाम नहीं मिलने से बागवानों ने तुड़ान का काम रोक दिया है। कुछ बागवानों ने स्थानीय मंडियों में फसल बेचने की बजाय बाहरी राज्यों का रुख करना शुरू कर दिया है।  ओला रहित सेब की साफ फसल की 28 किलो की पेटी को भी अधिकतम 1400 रुपये दाम मिल रहे हैं। ओलों से दागी फसल तो भूसे के भाव बिक रही है। मैदानी क्षेत्रों में बाढ़, कोरोना से फैली मंदी जैसे कई कारणों को दाम नहीं बढ़ पाने का कारण माना जा रहा है। पराला, भट्टाकुफर, सोलन, परवाणू आदि फल मंडियों में सेब की आवाजाही कम हो गई है। कई बागवान जयपुर, मुंबई, चेन्नई और देश की अन्य मंडियों के लिए सेब भेज रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से सेब के दाम मंडियों में बुरी तरह से पिट रहे हैं। सेब की करीब 28 किलो की पेटी की बोली 200 से 300 रुपये लग रही है। कुछ समय पहले यही बोली 1000-1200 रुपये से लगनी शुरू होती थी।

प्रदेश की फल मंडियां वाजिब दाम दिलाने में फेल 

प्रदेश की फल मंडियां सेब बागवानों को उनकी फसल के वाजिब रेट दिलाने में असफल साबित हुई हैं। इससे बागवानों ने एक तरह से स्थानीय मंडियों का बहिष्कार कर लिया है। सेब की फसल की 200 रुपये बोली लग रही है। सरकार का मंडियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना को क्यों नहीं लिया जा रहा। कश्मीर में ए ग्रेड सेब की 60 रु पये, बी ग्रेड की 44 रुपये और सी ग्रेड की 24 रुपये के हिसाब से खरीद होती है। हिमाचल में तो साढे़ नौ रुपये किलो के हिसाब से एमआईएस के जरिये सेब की खरीद की जा रही है। राज्य में छह से दस लाख मीट्रिक टन सेब होता है, मगर 50 से 60 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता है। - हरीश चौहान, फल, सब्जी और फूल उत्पादक संघ के अध्यक्ष 

इस बार सेब की गुणवत्ता पर भी सवाल 

बिग बास्के ट, एग्रो फ्रे श, रिलायंस आदि जितने भी निजी खरीदार हैं, उन्हें अपने खरीद केंद्र खोलने को कहा है। निदेशक कृषि विपणन को भी कहा है कि वह इन्हें खुलवाएं, इससे भी रेट सही स्तर पर आएंगे। यह मालूम हुआ है कि सेब बागवानों ने अपनी फसल को होल्ड कर दिया है। बाहरी प्रदेशों में क्या कीमतें मिल रही रही हैं, इसकी जानकारी नहीं है। सेब की फसल की खरीद खुली बोलियों से होती है। इसी से ही रेट तय होते हैं। इस बार सेब की गुणवत्ता पर भी सवाल है। आढ़ती-व्यापारियों की किसी भी सांठगांठ पर कड़ी नजर है।- नरेश ठाकुर, प्रबंध निदेशक, कृषि विपणन मंडी समिति हिमाचल प्रदेश

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स्रोत: Amar Ujala